tag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post7037555880673288348..comments2024-02-04T21:56:30.492+05:30Comments on चरैवेति-चरैवेति: Life is name of a perpetual journey : लेखन एवं भाषा व शब्दों की मर्यादादेवेंद्रhttp://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-79719527813564439042011-09-25T13:14:37.854+05:302011-09-25T13:14:37.854+05:30राकेश जी आपके प्रोत्साहन हेतु आपका हार्दिक आभार।राकेश जी आपके प्रोत्साहन हेतु आपका हार्दिक आभार।देवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-24878556567368135152011-09-25T12:39:30.954+05:302011-09-25T12:39:30.954+05:30आभार तो आपका है देवेद्र भाई कि इतनी सहजता
और सरलत...आभार तो आपका है देवेद्र भाई कि इतनी सहजता <br />और सरलता से आपने बहुत ही सुन्दर,सार्थक और<br />बार बार मनन करने वाली अनुपम बातें हमे बताईं.<br /><br />काश ! हम सब आप की बातों से सीख ले ब्लॉग <br />जगत को स्वस्थ वातावरण से ओत प्रोत कर पायें.<br /><br />पुनः,बहुत बहुत आभार आपका.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-10561984569806373842011-09-25T11:28:03.605+05:302011-09-25T11:28:03.605+05:30प्रिय रचना जी, आपकी सुंदर और सार्थक टिप्पड़ी मुझे...प्रिय रचना जी, आपकी सुंदर और सार्थक टिप्पड़ी मुझे बेहतर व सार्थक लिखने के लिये सदैव प्रोत्साहित करती है। आपका हार्दिक आभार।<br /><br />तृप्ति,प्रवीण जी एवं राहुल जी टिप्पड़ी हेतु आपका हार्दिक आभारदेवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-64581065417295785492011-09-25T08:44:27.097+05:302011-09-25T08:44:27.097+05:30सच कह रहे है देवेन्द्र जी लेखन किसी सार्थक उद्देश्...सच कह रहे है देवेन्द्र जी लेखन किसी सार्थक उद्देश्य के लिये हो तो उत्तम होगा लेकिन ऐसी सीख सबके गले नहीं उतर पाती. बहुत सुंदर विचार रखे हैं आपने. बधाई. यूँ आपके संस्मरण बड़े सुंदर होते है.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-90772335313034961142011-09-24T20:23:37.722+05:302011-09-24T20:23:37.722+05:30कुछ का तो शायद झगड़े-विवाद से ही कारोबार है.कुछ का तो शायद झगड़े-विवाद से ही कारोबार है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-9793172951841949612011-09-24T12:27:50.432+05:302011-09-24T12:27:50.432+05:30सत्यं ब्रूयात्,प्रियं ब्रूयात्
आधा सीख लिया है, आ...सत्यं ब्रूयात्,प्रियं ब्रूयात्<br /><br />आधा सीख लिया है, आधा सीखना है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-25676481535515290832011-09-24T11:54:44.662+05:302011-09-24T11:54:44.662+05:30Well written , last 4 para's i am 100% agree.
...Well written , last 4 para's i am 100% agree.<br /><br />Thanks for writing n sharing beautiful thoughts.Triptihttps://www.blogger.com/profile/01073386378965174389noreply@blogger.com