tag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post735338197304687770..comments2024-02-04T21:56:30.492+05:30Comments on चरैवेति-चरैवेति: Life is name of a perpetual journey : मनपक्षी तू नभ में उड़ ले...... ।देवेंद्रhttp://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-81323402752232826262011-12-01T20:38:29.091+05:302011-12-01T20:38:29.091+05:30वैसे तो प्रतिदिन ही होता नियमों से साँझसवेरा।
तू च...वैसे तो प्रतिदिन ही होता नियमों से साँझसवेरा।<br />तू चक्रगति में जीता,जगता,उड़ता फिर निद्रा ।<br />पर एक सत्य जो जागृत,सार्थक जीवन यह तेरा,<br />अंतर्स्थित परम चेतना, ही है अंतिम नीड़बसेरा।6।<br /><br /><br />नतमस्तक हूँ आपकी इस अनुपम प्रस्तुति के समक्ष,देवेन्द्र भाई.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-43334695850788028782011-11-30T21:55:51.722+05:302011-11-30T21:55:51.722+05:30उड़ान नहीं भरी तो सुरक्षा का क्या महत्व।उड़ान नहीं भरी तो सुरक्षा का क्या महत्व।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com