tag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post8437277923119774961..comments2024-02-04T21:56:30.492+05:30Comments on चरैवेति-चरैवेति: Life is name of a perpetual journey : .. तुम उदार, अति मन उदार है तेरा।देवेंद्रhttp://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-22389917576964123972011-08-31T19:03:42.147+05:302011-08-31T19:03:42.147+05:30कैलाश जी आपका हार्दिक आभार।कैलाश जी आपका हार्दिक आभार।देवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-57225349574897532022011-08-31T12:25:48.707+05:302011-08-31T12:25:48.707+05:30ताप हरो,क्लेष हरो तुम मन का।
रक्षा करो हमारी जैसे ...ताप हरो,क्लेष हरो तुम मन का।<br />रक्षा करो हमारी जैसे करते अपने प्रण का।<br />हे!कारक,पालक,संघारक इस जग का।<br />चिरआलोक रहे मन में तव-ज्ञान-दीप का <br /><br />....बहुत सुन्दर और सार्थक प्रार्थना..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-17281222962718083412011-08-30T20:39:05.765+05:302011-08-30T20:39:05.765+05:30दिव्या दी, रामपुरिया जी, संध्या जी एवम् प्रवीण जी,...दिव्या दी, रामपुरिया जी, संध्या जी एवम् प्रवीण जी,आप सब का हार्दिक आभार ।देवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-62030215035727477342011-08-30T19:14:11.131+05:302011-08-30T19:14:11.131+05:30जगत की भव्यता और मन की उदारता, ईश्वर के दो रूप।जगत की भव्यता और मन की उदारता, ईश्वर के दो रूप।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-2185734721035038342011-08-30T18:32:24.931+05:302011-08-30T18:32:24.931+05:30ताप हरो,क्लेष हरो तुम मन का।
रक्षा करो हमारी जैसे ...ताप हरो,क्लेष हरो तुम मन का।<br />रक्षा करो हमारी जैसे करते अपने प्रण का।<br />हे!कारक,पालक,संघारक इस जग का।<br />चिरआलोक रहे मन में तव-ज्ञान-दीप का ।<br /><br />यही प्रार्थना है हमारी भी उस परमात्मा से... सुन्दर रचनासंध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-40850939978060829392011-08-30T16:38:28.461+05:302011-08-30T16:38:28.461+05:30इस प्रार्थना ने मन को तृप्त कर दिया, बहुत शुभकामना...इस प्रार्थना ने मन को तृप्त कर दिया, बहुत शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-46922478778526119252011-08-30T16:09:00.852+05:302011-08-30T16:09:00.852+05:30तुम उदार सर्व-सृष्टि समाहित।
जल-थल-नभ सर्वत्र प्रव...तुम उदार सर्व-सृष्टि समाहित।<br />जल-थल-नभ सर्वत्र प्रवाहित।<br />प्राण वायु हे! निर्बाध सुवाहित।<br />शब्द रूप हे! ओंकार आवाहित।....<br /><br />sundar praarthana. <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.com