tag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post878732524270966493..comments2024-02-04T21:56:30.492+05:30Comments on चरैवेति-चरैवेति: Life is name of a perpetual journey : सुख-सुविधाओं का उन्माद के हद तक अधिग्रहण की खतरनाक प्रवृत्ति....देवेंद्रhttp://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-35014537522334272602012-06-22T16:33:25.566+05:302012-06-22T16:33:25.566+05:30ताज्जुब है और खेद भी ...ऐसे लोगो की लिखित शिकायत क...ताज्जुब है और खेद भी ...ऐसे लोगो की लिखित शिकायत करनी चाहिये ...!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-20394123562877889822012-06-17T22:16:44.109+05:302012-06-17T22:16:44.109+05:30एक रेलअधिकारी को यह सब सहन करना पड़ा तो आमजन की क्...एक रेलअधिकारी को यह सब सहन करना पड़ा तो आमजन की क्या बिसात!<br />दुखद घटना। उस टीटी की शिकायत का कोई तो प्राविधान होगा।(:देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-63278876595376920962012-06-17T21:09:20.678+05:302012-06-17T21:09:20.678+05:30मन को व्यथित करता है ऐसा व्यव्हार ..... नियम तक प...मन को व्यथित करता है ऐसा व्यव्हार ..... नियम तक पर रखना तो जैसे शान समझते हैं हम ..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-30663068780986058722012-06-17T16:27:46.768+05:302012-06-17T16:27:46.768+05:30विडम्बना ही कही जायेगी कि लोग अपना अधिकार समझे बैठ...विडम्बना ही कही जायेगी कि लोग अपना अधिकार समझे बैठे हैं, नियमों को ताक पर रखकर..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-40238137455094630802012-06-17T13:22:18.711+05:302012-06-17T13:22:18.711+05:30आप स्वयं रेल अधिकारी होते हुए भी,अपने खुलकर विरोध ...आप स्वयं रेल अधिकारी होते हुए भी,अपने खुलकर विरोध क्यों नही किया,जब रेल के अधिकारी ही <br />अपना कर्तव्य भूल जाए तो आम लोग किससे शिकायत करें,,,,,,,<br /><br />RECENT POST <a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/06/blog-post_15.html#comment-form" rel="nofollow"> ,,,,,पर याद छोड़ जायेगें,,,,, </a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-59864671411358899912012-06-17T12:15:00.156+05:302012-06-17T12:15:00.156+05:30एक रेल अधिकारी का रेलगाडियों में होने वाले आम लोगो...एक रेल अधिकारी का रेलगाडियों में होने वाले आम लोगों की तरह ही अभद्रता और अशिष्टता से दो चार होना रेल यात्रा के कष्टों से रूबरू कराता है. पता नहीं अनुशासन हम लोगों में कब आएगा यद्यपि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कम क्षमता भी इसके लिये कुछ हद तक जिम्मेदार है.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-8578249792665857322012-06-17T12:03:57.743+05:302012-06-17T12:03:57.743+05:30अभद्र और अशिष्ट व्यवहार से बहुत खेद होता है.
हाल म...अभद्र और अशिष्ट व्यवहार से बहुत खेद होता है.<br />हाल में अमेरिका यात्रा करके लौटा हूँ.<br /><br />वहाँ जो सबसे बड़ी सीखने वाली बात मिली वह<br />वहाँ का डिसिप्लिन.हमे भी यह देर सबेर सीखना ही होगा,<br />यदि हम अपना कुछ भी उत्थान करना चाहते हैं. <br /><br />आपकी प्रस्तुति से आपकी पीड़ा मैं समझ सकता हूँ.<br /><br />देवेन्द्र भाई,क्या आप मेरा ब्लोग बिलकुल ही भुला चुके हैं.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.com