tag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post4722414683064273649..comments2024-02-04T21:56:30.492+05:30Comments on चरैवेति-चरैवेति: Life is name of a perpetual journey : क्या यही है एक महान साहित्यकार की साहित्यिक सत्यनिष्ठा व ईमानदारी? देवेंद्रhttp://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-88043756330650226222013-11-16T23:04:19.015+05:302013-11-16T23:04:19.015+05:30आपके इन विचारों से सहमत हूँ।
मुझे भी आश्चर्य हुआ थ...आपके इन विचारों से सहमत हूँ।<br />मुझे भी आश्चर्य हुआ था।<br />इससे पहले, गिरीश कार्नाड ने भी नाइपॉल के विरुद्ध गलत मंच पर अपने विचार व्यक्त किए थे।<br /><br />आपके लेख अभी अभी पढने लगा हूँ। <br />श्री प्रवीण पांडेजी के ब्लॉग से यहाँ आया हूँ।<br />आते रहेंगे।<br />शुभकामनाएं<br />जी विश्वनाथ<br />(बेंगळूरु/कैलिफ़ोर्निया)<br />G Vishwanathhttps://www.blogger.com/profile/13678760877531272232noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-66822352576085257982013-10-09T07:31:02.732+05:302013-10-09T07:31:02.732+05:30लेखक को निरपेक्ष होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करना चाहि...लेखक को निरपेक्ष होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करना चाहिये..विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-22032195870854969192013-10-07T20:59:20.273+05:302013-10-07T20:59:20.273+05:30अच्छा विवेचन। ऐसी ही कुछ विवेचना मैंने भी अपने (c...अच्छा विवेचन। ऐसी ही कुछ विवेचना मैंने भी अपने (chandkhem.blogspot.in) पर (मोदी विरोध व समर्थन) शीर्षक के साथ की है। कृपया देखने का कष्ट करें।Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-34907813642300578782013-09-23T18:52:50.258+05:302013-09-23T18:52:50.258+05:30लेखकगण तीक्ष्ण टिप्पणियों से बचें, उन्हें राजनेताओ...लेखकगण तीक्ष्ण टिप्पणियों से बचें, उन्हें राजनेताओं के लिये ही छोड़ दे। उन्हें वह खाना और पचाना दोनों ही आता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-82454001081627017442013-09-23T10:45:46.220+05:302013-09-23T10:45:46.220+05:30इस देश में एक लॉबी है, जो चाहती है कि इस देश के सं...इस देश में एक लॉबी है, जो चाहती है कि इस देश के संसाधनों पर केवल उन लोगों का ही हक है। यदि साहित्य के क्षेत्र में भी कोई लॉबी से इतर व्यक्ति आ जाता है तो उसका ये लोग बुरा हाल करते हैं। ज्ञानपीठ आदि पुरस्कार भी केवल मात्र इसी लॉबी के हिस्से आते हैं। नरेन्द्र मोदी के नाम पर ये लोग इसलिए चहकते हैं कि कहीं मोदी आ जाएगा तो इस लॉबी का क्या होगा? फिर तो ये कितने बड़े साहित्यकार हैं पोल खुल ही जाएगी, क्योंकि दूसरे भी इस लाइन में खड़े हो जाएंगे। यही कारण है कि सारे ही लॉबी बाज लोग एक स्वर में चिल्ला रहे हैं। ऐसे लोगों से पूछना चाहिए कि कौन सा देश है जहाँ प्रत्येक व्यक्ति सुरक्षित है? कल ही केन्या में धर्म के आधार पर लोगों को मारा गया है। वे कहाँ बसना चाहेंगे - पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बंगालादेश जैसे सेकुलर देशों में या और कहीं?अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-55822039843006347152013-09-22T21:10:22.341+05:302013-09-22T21:10:22.341+05:30शायद उम्र मस्तिष्क पर हावी हो गया है शायद उम्र मस्तिष्क पर हावी हो गया है कौशल लालhttps://www.blogger.com/profile/04966246244750355871noreply@blogger.com