tag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post9141440376844726034..comments2024-02-04T21:56:30.492+05:30Comments on चरैवेति-चरैवेति: Life is name of a perpetual journey : निजभाषा उन्नति अहै....देवेंद्रhttp://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-84199272163463995332012-06-11T21:29:16.478+05:302012-06-11T21:29:16.478+05:30जी, सत्य वचन।जी, सत्य वचन।देवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-6755947387440305762012-06-11T21:28:44.765+05:302012-06-11T21:28:44.765+05:30जी रचना जी ।जी रचना जी ।देवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-29725668081099693292012-06-11T21:26:30.627+05:302012-06-11T21:26:30.627+05:30यद्यपि दुसरे भाषा में पढकर भी उन्नति करने में हम प...यद्यपि दुसरे भाषा में पढकर भी उन्नति करने में हम पीछे नहीं है, न ही अपने ज्ञान का लोहा देश विदेश में मनवाने में, परन्तु यदि यही शिक्षा की सुविधा मातृभाषा में मिले तो यह संख्या कितनी अधिक होगी इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-16992702244781148452012-06-11T19:26:21.815+05:302012-06-11T19:26:21.815+05:30उन्नति का सारा सार वहीं छिपा है।उन्नति का सारा सार वहीं छिपा है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-65559509119594486212012-06-11T08:20:39.233+05:302012-06-11T08:20:39.233+05:30राहुल जी , जानकारी हेतु आभार , लेख में हुई त्रुटि ...राहुल जी , जानकारी हेतु आभार , लेख में हुई त्रुटि हेतु पाठकों से क्षमाप्रार्थना । जहाँ तक राष्ट्रकवि की बात है मेरी जानकारी में दिनकर जी शायद हमारे दूसरे राष्ट्रकवि थे, अन्य की मुझे जानकारी नहीं है।देवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-3430288643899334112012-06-11T08:16:07.565+05:302012-06-11T08:16:07.565+05:30टिप्पड़ी हेतु आभार ।टिप्पड़ी हेतु आभार ।देवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-3078955551531740642012-06-11T08:14:54.911+05:302012-06-11T08:14:54.911+05:30टिप्पड़ी हेतु आभार अनु ।टिप्पड़ी हेतु आभार अनु ।देवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-8360209415457995262012-06-11T07:53:16.897+05:302012-06-11T07:53:16.897+05:30निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाष...निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।<br />बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।<br />विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार।<br />सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।।<br /><br />उक्त पंक्तियां, जहां तक मेरी जानकारी है, भारतेन्दु जी की है और गुप्त जी शायद एकमात्र (इसलिए पहले कहने का औचित्य नहीं) राष्ट्रकवि उपाधिधारी हैं.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-15636061322551553992012-06-11T00:16:10.687+05:302012-06-11T00:16:10.687+05:30बेहतरीन आलेख सुंदर ,,,,, ,
MY RECENT POST,,,,काव...बेहतरीन आलेख सुंदर ,,,,, ,<br /><br />MY RECENT POST,,,,<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/06/blog-post_08.html#links" rel="nofollow">काव्यान्जलि ...: ब्याह रचाने के लिये,,,,,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5773433501963473717.post-53030616819013753112012-06-10T23:27:56.304+05:302012-06-10T23:27:56.304+05:30बेहतरीन...........
मगर इस हिंगलिश से पीछा कैसे छूट...बेहतरीन...........<br />मगर इस हिंगलिश से पीछा कैसे छूटे...अपनी भाषा तो कहीं दब गयी है इस ढेर के नीचे...<br />सार्थक लेखन.<br /><br />अनुANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.com