Wednesday, July 30, 2014

साड़ी की गिफ्ट में लिपटा खुशियों का मुस्कराता एक खूबसूरत जादू

साड़ी की गिफ्ट में लिपटा हुआ खुशियों का मुस्कराता एक खूबसूरत जादू

वैसे एक पति के रूप में यह हमेशा एक अनसुलझा सा प्रश्न लगता रहा है कि आखिर इतनी कीमती साड़ियाँ पास रहते , जो यदाकदा ही पहनने में उपयोग में लायी जाती हैं फिर भी पत्नीजी को प्रायः यह शिकायत रही है कितने ही विशेष अवसरों पर उन्हें मेरे द्वारा एक साड़ी तक गिफ्ट करना मुझे विस्मरण रह गया और इस बात की यदाकदा चर्चा करते उन्हें अक्सर उदास हो जाते देखा है , फिर भी विगत तेईस वर्षों के हम दोनों के दाम्पत्य साथ में इस बात का मुझे सिद्दत से अनुभव हुआ है कि पत्नी जी को जब भी कोई साड़ी गिफ्ट की है , भले ही वह एक मामूली साड़ी ही हो , उनके चेहरे पर एक विशेष प्रसन्नता व स्मिति खिलती है , उनके चेहरे की यह खुशी व स्मिति तो इतनी अनमोल अनुभव होती है कि उन्हें रोज एक साड़ी गिफ्ट करना भी फायदे का ही सौदा लगता है , बस जरा सोच व हिचक की बात है तो है इसके लिये आवश्यक आर्थिक सामर्थ्य की मेरी सीमित सीमा ।

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