चरैवेति-चरैवेति: Life is name of a perpetual journey
Monday, August 4, 2014
जिंदगी जिंदादिली यानि छोटे छोटे अहसासों के पत्ते जबतक हैं हरे भरे
1 comment:
संध्या शर्मा
August 5, 2014 at 12:13 AM
सही बात है, जब तक हरे हैं अहसासों के पत्ते जीवन वृक्ष फलता फूलता रहेगा... लाज़वाब लेखन
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