Friday, January 15, 2021

दि कॉमन सेंस...

सर्वप्रथम सबको मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं, प्रत्यक्ष एवं आदिदेव भगवान सूर्य सम्पूर्ण सृष्टि का मंगल कल्याण एवं रक्षा करें यही सर्वमंगलकामना 🙏

यह तो नितांत साधारण सी बात है जो हम सभी को भलीभांति पता है कि जो अप्रिय बात व्यवहार हमारे खुद के साथ  होने से हमें बुरा तकलीफ और पीड़ा होती है वह दूसरे के साथ करने से हमें परहेज करना चाहिए, मगर जाती जिंदगी में सबसे ज्यादा उपेक्षा हम इसी साधारण समझ की ही करते रहते हैं। जिस रास्ते, सड़क, ट्रैक पर हम रोज चलते टहलते हैं स्वाभाविक है हमें उसका साफ-सुथरा रहना अच्छा लगता और शकून देता है, मगर हम अपने पालतू कुत्ते को टहलाते उसके बीच रास्ते सड़क पर मल-मूत्र त्याग कराने, अच्छे खासे साफ-सुथरा पब्लिक स्थान को गंदा करने में हमें कोई संकोच कोई गुरेज नहीं होता।

हमें अच्छे से अनुभव रहता है कि हम अपनी व्यक्तिगत उपलब्धियों, सफलताओं, हमने जिंदगी में क्या तीर मारा, हमारे पास कितनी ऊंची-ऊंची डिग्रियाँ हैं, हम कितने ऊंचे ओहदेवाले और रसूखदार हैं, हमारे कितने शानदार फ्लैट बंगले हैं, हम कितना देश विदेश घूमे हैं, हम अपने क्रेडिट कॉर्ड कितने लाख शॉपिंग करने में खर्च करते हैं, अपने बारे में हम जो भी गाना गाते रहें, अपनी बखान करते रहें, किसी और को घंटा फर्क नहीं पड़ता, अलबत्ता हर शख्स खुद की गदह-पचीसी में इतना व्यस्त खोया रहता है कि उसने आपकी बात सुनी भी या नहीं इसमें भी संदेह ही है।

हमें अच्छे से समझ में आता है कि हमारी बेस्ट काबिलियत, हमारा बेस्ट टैलेंट और हमारी बेस्ट परफॉर्मेंस हमारी स्वाभाविकता और ओरिजिनलटी में होती है, मगर हम दूसरे की नकल और डुप्लीकेट बनने के चक्कर में खुद का लबड़धोधो बना डालते हैं, न ऊधौ के रहते हैं न माधव के। खुद को सही अंग्रेजी बोलने आती नहीं, बोलते भी हों फूहड़, गलत-सलत, मगर अपने बच्चे से अंग्रेजी में ही बात करेंगे, नतीजतन बच्चा अपनी मातृभाषा को ठीक से सीखने से वंचित रह ही जाता है, और मां-बाप के इस दिखावटीपने से बेचारा अंग्रेजी भी गलत-सलत और फूहड़ बोलता सीखता है। और फिर अपनी भाषा और संस्कार में अधकचरे और अनभिज्ञ  हीनभावनाग्रस्त हम खुद और हमारे बच्चे कपिल शर्मा के कॉमेडी शो अथवा फूहड़ जोक्स के द्वारा अपनी भाषा के थोड़े क्लिष्ट या परिस्कृत शब्दों के भद्दे उपपटांग उच्चारण से मजाक लेते और उनपर ठहाके लगाते अपना मनोरंजन करते हैं।

वैसे यह सारी बातें भी बेमतलब की ही चकल्लस हैं, स्कूल और कॉलेज में ही यह जुमला हम सभी जानते सीख गये ही थे कि 'कॉमन सेंस इज दि मोस्ट अनकॉमन इन दि ह्यूमन्स'।

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