Sunday, August 4, 2013

भोली भाली सरकार और चिक-चिक बाज जनता.......

यह टैक्स है या जिंदा रहने की कीमत ?

मेरे कुछ मित्र इस बात पर बहुत क्षोभ व एतराज जताते हैं कि सरकार ३० प्रतिशत इंकम-टैक्स हमारी सेलरी से सीधे काट ही लेती है, फिर घर चलाने के लिये भी जो सामान खरीदो, यहाँ तक सब्जी इत्यादि भी तो ऊपर से और २५ प्रतिशत का टैक्स और लगाती है , यह मेरे मित्रों को सरकार द्वारा जनता के ऊपर घोर ज्यादती लगती है। मेरे न मित्रों को इस बात का भी मलाल है कि हमारा इतने मेहनत से कमाया पैसा सरकार टैक्स में वसूल कर बस इधर इधर बेमतलब की चीजों मे खर्च करके वेस्ट (व्यर्थ) कर देती है, देश व जनता के लिये कोई ढंग का विकास कार्य भी नहीं करती।

अपने इन नासमझ मित्रों से मैं पूछना चाहता हूँ कि भला इसमें सरकार द्वारा वेस्टेज कहाँ से हो गया, लोग भी खामखाह बिचारी भोलीभाली सरकार पर झूठमूठ का कोई भी मनगढंत आरोप बिना सोचे समझे लगा देते हैं । अरे सोचो भाई , इसमें वेस्टेज कैसा? आखिर आपका टैक्स से वसूला पैसा सरकार द्वारा नरेगा जैसी पवित्र गंगा में ही तो बहाया जाता है, जिसमें स्नान व आचमन कर पूरा देश, विशेष कर ग्रामीण भारत, धन्य धन्य हो रहा है, फिर हमारे कर्मठ जनप्रतिनिधियों,जो तनमन से देश व जनसेवा करते रहते हैं, उनके रहनसहन, ऐसो-ऐयास, हवाई यात्रा इत्यादि जैसे पुनीत कार्यों का खर्चा वर्चा भी तो आखिर आपसे वसूले टैक्स से ही तो मैनेज हो रहा है ।अब तो सरकार ने एक और पुनीत यज्ञ फुड सिक्योरिटी बिल द्वारा शुरू कर दिया है, आखिर उसकी समिधा भी तो आपसे वसूले टैक्स से ही तो मैनेज की जायेगी, इसप्रकार आपसे वसूला टैक्स भला इतने पुनीत कार्यों में लगता हैं और आप वेस्टेज की बात करते हैं, भाई यह तो जिम्मेदार नागरिक के आचरण विपरीत बात हुई ना !

र रही बात ज्यादा टैक्स लगाने की तो आपको सरकार का शुक्रगुजार होना चाहिये कि वह आपकी साँस, उस हवा पर जो आप साँस लेते हैं , अभी तक कोई टैक्स नहीं लगायी है। यह अलग बात है कि आपको शुद्ध हवा साँस लेने के लिये नही मिलती, तो इसमें भला सरकार की क्या गलती ? अब आप मुफ्त में बिना टैक्स हवा ले रहे हैं ऊपर से शुद्ध हवा की अपेक्षा करते हैं, कितने लालची हैं आप। वैसे भी यदि आप की यह शिकायत है कि हवा भी शुद्ध नहीं मिलती है तो इसके प्रदूषण के लिये भी  भला सरकार थोड़े ही दोषी है , इसके लिये भी तो आप स्वयं ही जिम्मेदार हैं 


इस प्रकार अपने इन चिक-चिक बाज मित्रों से मेरा यही विनम्र निवेदन है कि इस बेचारी, भोली-भाली व निर्दोष सरकार को बात बात में दोष देना व इसकी मीन मेख निकालना बंद करें। 

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2 comments:

  1. इस यज्ञ से सब सयत्न आहुति दें और धुँआ सहें।

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  2. भोली-भाली जन जिम्मेदार हैं।

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