Friday, July 26, 2013

बीती बातें बीत चुकी हैं........

विगत विचारों की वन वीथि , उनमें भटका मन खोया सा 


बीती बातें बीत चुकी हैं , उनको लेकर क्या सिर धुनना ।
मन माला जो टूटी बिखरी, चुनकर दाने पुनः पिरोना ।१।


सुस्ता लो पर रुको नहीं तुम , चलते रहना ही जीवन है ।   
तेज समय की गति आज मुश्किल जो है वह कल आसाँ है।२।

  
उदित हुआ जो अस्त हुआ है, दुनिया है बस आना जाना ।
एक प्रेम स्थाई  रहता , बाकी तो बस पाना खोना ।३|


सारे सुख हैं अपने भीतर , बाहर से  दुःख पर क्या रोना ।
जब है अपना हृदय समागम,क्या कहना और क्या है सुनना।४|


कुछ  बातें दिल को चुभ जातीं मन  को भारी ठेस पहुँचती ।
वक़्त लगाता  मरहम इनपर, बीती बात कहानी बनती ।५|


आप करो जो कर सकते हो, होना जो है कहाँ टला है !
हो मनमाफिक बहुत भला है, ना-मन-माफिक और भला है ।६|

6 comments:

  1. बिल्कुल सही कहा आपने.

    रामराम.

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  2. हर पल एक नया प्रारम्भ, उस दिशा, जहाँ सब सुखद हो। सुन्दर और आशापूर्ण रचना।

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  3. बहुत सही और सच्ची बातें ....

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  4. सत्या एवं सार्थक ....बहुत सुंदर ....!!

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  5. आशा का भाव जागते विचार....

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