Thursday, August 15, 2013

बच्चों की बुद्धिमान दुनिया..


एक लंबे अंतराल के पश्चात अपनी पत्नी के साथ यात्रा करने एवं उनके व अपने पैतृक स्थान आना हो पाया ।कल अपराह्न में बनारस अपने छोटे भाई के घर पहुँचा ।वह चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं व उनकी निजी प्रैक्टिस व कन्सल्टैंसी कंपनी है  ।उनका ऑफिस आवास से ही जुड़ा हुआ है ।  कुछ समय तो  भाई के साथ ऑफिस में बात चीत में  बिताया,फिर उनकी कार्य में  व्यस्तता देखकर, मैं यूँ ही वक्त गुजारने हेतु उनके घर की बाहर सड़क पर टहलने निकल गया ।

वैसे यहाँ  मौसम थोड़ा गरम अवश्य है परंतु पिछले दिन हुई बारिश व आसमान में बादल होने से वातावरण कुल मिलाकर सामान्य व सुखद ही अनुभव हुआ ।

घर के गेट के बाहर ही मेरा भतीजा रक्षित अपने पड़ोसी  मित्र प्रणय के साथ बातचीत, कुछ गपशप करते मिला ।स्कूल से वापस आने  , फिर घर पर दो घंटे ट्यूसन की पढ़ाई पूरी करने के पश्चात , वह थोड़ा  रिलैक्स करता  दिख रहा था । मेरे अनुरोध पर वे दोनों भी मेरे साथ टहलने में शामिल हो गये।रक्षित कक्षा ६ का छात्र है  और प्रणय अपनी स्कूली पढ़ाई, कक्षा १२, इसी वर्ष पूरी किया है और कॉलेज में आर्ट्स और फिलॉसफी कोर्स में  दाखिला ले रहा है ।अपने भाई के घर आनेजाने के सिलसिले में मैं अपने भाई के पड़ोसी व प्रणय के पिता , पाठक जी , को जानता हूँ कि वे व उनकी पत्नी फाइन आर्ट के अध्यापक व एक कुशल चित्रकार हैं ।एक दो बार उनके विशेष आग्रह पर चाय पीने उनके घर जाना हुआ तो उनके छोटे पर सलीकेदार घर में एक छोटी सी आर्टगैलरी व उनकी बनायी विभिन्न ऑयल पेंटिंग देखकर बहुत अच्छा लगा ।कलाकार व गुणी व्यक्ति अपनी सुंदर रचना व कृति से अपने परिवेश को उसी प्रकार अति  सुंदर, विशिष्ट और अलौकिक बना देते हैं जैसे सुंदर व सुगंधित पुष्प से लदे वृक्ष से उसका परिवेश भी अति शोभायमान व सुगंधित हो उठता है ।

बच्चे जो कुछ समय पूर्व आपसी गपसप में मशगूल थे, मेरे साथ टहलते खामोश से लग रहे थे,जिसका कारण निश्चय ही उनके साथ मेरी विषम उपस्थिति थी ,  जो मुझे स्वयं ही  अटपटा व इन बच्चों की शाम को बेमज़ा कर देने के प्रति  अपराधबोध सा  लगा ।साथ टहलते इन बच्चों की खामोशी को विराम देते मैंने प्रणय से पूछा कि क्या वह भी अपने माता पिता जी की भाँति आर्ट्स व पेंटिंग में अभिरुचि रखता है,तो प्रणय ने बताया कि उसका पेंटिंग में तो इंटरेस्ट नहीं अपितु उसे  कम्प्यूटर पर ड्राइंग, डिजाइन और ग्राफिक्स बनाने का शौक है, वह फोटोशाँप तथा अन्य फोटो व डिजाइन सॉफ्टवेयर में कम्प्यूटर पर फोटोसंपादन,टूडी व थ्रीडी ग्राफिक्स व स्केच बनाता है।उसका यह शौक मुझे अति रोचक लगा व मेरे और पूछने पर उसने बताया कि उसका विशेष शौक, वर्तमान युवा पीढ़ी की भाषा में कहें तो पैसन या जुनून, है स्पोर्ट्स कार व उसके विभिन्न पार्ट्स के ग्राफिक्स व डिजाइन ।अपने शौक के बारे में विवरण देते उसने विभिन्न विश्व प्रसिध्द     स्पोर्ट्स कार कंपनियाँ जैसे बैकमोनो, लैम्बोर्गिनी, बुगाटी, शेर्वोलेट, निसान, वोल्क्सवैगन ,ऑडी इत्यादि व  इन कंपनियों के विभिन्न ब्रांड व डिजाइन जैसे लैम्बोर्गनी की  माटाडोर,गलार्डो,मर्सलागो,कब्रेरा, बुगाटी की वेरियॉन,पगानी की जॉन्डा,ह्यूरा,ऑडी की ऑर8, क्यू7,वोल्सवैगन की पोलो और वेंटो, शेर्वोलेट की कमेरो , निसॉन की जीटीआर इत्यादि की अपनी अपनी डिजाइन व तकनीकी  खासियत के बारे में बताता रहा  । उसने जर्मन, जापानी, फ्रांस और इटली में स्पोर्ट्स कार के शक्ति शाली इंजिन, विशेष एयरोडायनेमिक बॉडी डिजाइन , टर्बोचार्जर और नाइट्रो जिससे इन कारों  को अतिरिक्त शक्ति और अधिक गति मिलती है के अपनी अपनी खासियत के बारे में बताता रहा ।

मैं अचंभित सा उसकी दी गई जानकारी सुनता रहा व मेरे यह पूछने पर कि उसकी इतनी अच्छी व रोचक जानकारी को वह लिखकर संकलित व दूसरों से साझा क्यों नहीं करता  उसने  बताया  कि वह  ऑटोकार, आटोगेस्ट, पर इन कारों का रिव्यू लिखता है , फोटो शॉप, ब्लेंडर, आटोकैड जैसे कम्प्यूटर साफ्टवेयर पर गाड़ियों और उनके विभिन्न भागों की जो  थ्री डाइमेंसनल डिजाइन बनाता है उन्हें इन वेब साइट्स पर अक्सर पोस्ट करता रहता है।इस बाबत उसे  विदेशी गेम सॉफ्टवेयर  कंपनियों से कम्प्यूटर गेम्स में  सड़क व  नक्शे की डिजाइन, गेम के लिए कार की डिजाइन जैसे पेड ऑफर भी मिलते हैं, उसने बताया कि वह शीघ्र  अपनी 18 साल की उम्र  पूरा करने पर अपना  पेपैल एकाउंट खोलने के लिए योग्य हों जायेगा, तब  ये कंपनियां उसके रिव्यू व डिजाइन के काम के एवज में उसके पारिश्रमिक का सीधे भुगतान कर देंगी।प्रणय ने  बताया कि कम्प्यूटरगेम जीटीए 5 गेम में एनिमेशन व स्क्रिप्ट में भी योगदान दे चुका है  ।बच्चों के साथ टहलते व उनसे बातचीत करते पचास मिनट कैसे बीत गये पता ही नहीं चला।सच कहें तो बच्चों द्वारा दी गई जानकारी बिल्कुल नयी व अद्भुत थी। बच्चों की अपने शौक में इतनी उच्च कोटि की जानकारी से मुझे आश्चर्य के साथ संकोच का भी अनुभव हो रहा था कि मेरा अपने शौक अथवा अन्य किसी ऐसे क्षेत्र में कितना सीमित है ।मुझे यह गहराई से अनुभव हो रहा था कि यदि हम इन बच्चों की बातें ध्यान से सुनें, उनके शौक, उनकी अभिरुचि को ठीक से जानने का प्रयास करें तो ग्यात होता है कि बच्चे कितने ग्यान और समझदारी से,कितनी अद्भुत व विलक्षण रचनात्मकता से परिपूर्ण है।बच्चों की भी है अद्भुत बुद्धिमान दुनिया 

5 comments:



  1. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,

    RECENT POST: आज़ादी की वर्षगांठ.

    ReplyDelete
  2. जय हो, जय हो,
    अब बच्चों को,
    पंख लगा दो,
    उड़ जाने दो,
    जितना नभ हो।

    ReplyDelete
  3. बच्चों का कारों के प्रति अनन्य प्रेम देखकर अचरज होता है

    ReplyDelete
  4. नई दुनिया, अनूठी प्रतिभाएं.

    ReplyDelete
  5. नई प्रतिभाओं को केवल सही दिशा दिये जाने की जरूरत है, हौंसला उनमें बहुत है

    ReplyDelete