Monday, December 10, 2012

श्यामल तुलसी का पौधा.........


11 comments:

  1. ओह..
    बहुत बहुत प्यारी रचना.....
    लगा कोई दृश्य आँखों के आगे से गुज़र गया...
    बहुत ही सुन्दर देवेन्द्र जी...

    सादर
    अनु

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  2. स्नेही प्रकृति हर चीज से स्नेह रखती फिह तुलसी का महत्व तो और भी है. प्रबल भावनात्मक अभिव्यक्ति. बधाई इस सुंदर प्रस्तुति के लिये.

    वैसे अभी भाभी जी का स्वास्थ्य कैसा है. आशा करती हूँ अब वह पूर्णरूपेण स्वस्थ होंगी. उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिये मंगलकामनाएँ.

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    1. धन्यवाद रचना जी।आपने इतनी सहृदयता से आशा जी के स्वास्थ्य के बारे में पूछा व शुभकामना दीं कि मेरी आँखें नम हो आयीं।आपकी यह आत्मीयता मेरे लिये खास महत्व रखती है।उनका उपचार चल रहा है,एक चुनौती तो है, पर आशा व ईश्वर में पूरा विश्वास है कि वे अवश्य शीघ्र स्वस्थ होंगी। पुनः हार्दिक आभार।

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  3. बहुत उम्दा,लाजबाब भावनात्मक अभिव्यक्ति के लिए बधाई. देवेंद्र जी,,

    recent post: रूप संवारा नहीं,,,

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    1. हार्दिक आभार धीरेंद्र जी।

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  4. प्रेम और भक्ति का प्रतीक है तुलसी, सदा ही सिंचित रहेगा।

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  5. Very touching. Thanks.

    Jab Tulsi Angan mein hoti thi to uske ankhon se ojhal hone aur falaswarup asinchit hone ka andesha kam rahata tha. Aaj angan hai naghin isliye Tulsi balcony me visthapit karni padti hai. Hamame se adhikansh ne snan ke bad Tulsi ki aaradhana karni band kar di hai atah Tulsi ko sinchit rakh paane wale kam hi rah gaye hain. Bhabhiji jee ki peeda samajh sakta hun.

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  6. बहुत भावमयी और मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति...पूर्ण विश्वास है कि नया श्यामल तुलसी का पौधा शीघ्र ही आपके यहाँ फिर आएगा..शुभकामनायें!

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    1. आपका हार्दिक आभार सर ।

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