Monday, February 28, 2011

लीडरसिप एट इन्फोसिस , सम्पादक मैट बार्नी पर एक दृष्टिकोण : अध्याय 6 प्रतिभा ( Talent)नेतृत्व


जैसा कि हमने सामरिक नेतृत्व अध्याय में पढा कि एक फर्म का सतत प्रतिस्पर्धी लाभ ( sustaining competitive advantage) विभेदित उत्पादों ( differentiated products) और सेवाओं के माध्यम से ही नहीं बल्कि इसके अद्वितीय संसाधनों से आता है.और एक फर्म के लिये सबसे अनूठा संसाधन और कुछ नहीं बल्कि उसके अपने कर्मचारी होते हैं, क्योंकि हर कर्मचारी अद्वितीय है और वह commoditised नहीं किया जा सकता.  संगठन की संस्थापक प्रतिभा अपने अद्वितीय चरित्र के कारण, संगठनात्मक संस्कृति की रचना करती है. यह संस्थापक प्रतिभा और नेताओं की प्रतिभा की एक विशिष्ट अभिव्यक्ति है , जो कंपनी के मिशन और दृष्टि की दिशा में सभी कर्मचारियों को कनेक्ट करता है. इसके अलावा प्रत्येक कर्मचारी , संगठन के लिए एक इमारत ब्लॉक की तरह होते है, वे कम्पनी को अद्वितीय लाभ प्रदान करने, और संगठन को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ हासिल करने में मुख्य चालक के रूप में महत्त्वपूर्ण होते हैं. 

प्रतिभा नेतृत्व , कर्मचारी अनुबन्धन (engagement) से सम्बन्धित है, जो उनके ( कर्मचारियों के) सकारात्मक दृष्टिकोण को कंपनी के मुनाफे और अंतिम ग्राहकों की संतुष्टि में बदल सकती हैं. फर्म के नेताओं को इस प्रतिभा-नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होती है. एक नेता को अपने अनुयायियों / टीम के साथियों को उनकी प्रतिभा के अनुरूप चिह्नित करने और उन्हें संगठन के रणनीतिक उद्देश्यों के साथ पंक्तिबद्ध करने व उसे प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना होता है. 


प्रतिभा नेतृत्व जीवन चक्र  के छह विशिष्ट कदम हैं: 

चयन (Selection)
प्रेरण (Induction)
लक्ष्य साझा करना (Goal Sharing)
• Feedback 
विकासशील लोग 
कर्मचारी अनुबंधन ( Employee Engagement )

टीमनिर्माण हेतु कर्मचारियों का चयन करने के लिए निम्न महत्वपूर्ण बुनियादी सवाल पूछने आवश्यक है, क्या काम की आवश्यकता है?  प्रक्रिया, टीम या फर्म के लिए अपने सामरिक उद्देश्यों को प्राप्त करने हेतु, क्या क्या  नौकरी कार्यों और अच्छे नागरिकता व्यवहार आवश्यक हैं? 

वैज्ञानिक प्रयोगों और अध्ययनों के माध्यम से, यह पाया गया है, अच्छी शैक्षिक योग्यता के साथ-साथ, कर्मचारियों का, उनके सीख- अभिविन्यास और सीखने की क्षमता, टीम के खेल विशेषताओं में सामान्य मानसिक योग्यता और पहलक्षमता कर्मचारियों को टीम में काम के अच्छे प्रदर्शन के प्रमुख कारक हैं. हालांकि, भर्ती और चयन में, नेताओं को उपयुक्त टीम निर्माण हेतु विभिन्न कारकों , जैसे कौशल और गुण, ज्ञान और अनुभव के बीच संतुलन करना पडता है . साथ में यह भी ध्यान में रखने के लिए है कि अलग अलग कर्मचारियों की अलग शक्तियों और कमजोरियों होती है. इनके अतिरिक्त , ऐसे कारक  जो trainable नहीं हैं जैसे संज्ञानात्मक (conscientiousness) क्षमता, मान और व्यक्तित्व लक्षण जैसी विशेषताएँ, पर चुनाव के दौरान  जोर  दिया जाना चाहिए. अध्ययन बताते हैं कि ऐसे कर्मचारी जो भावी नेता बनने की योग्यता व आकांक्षा रखते हैं, वे अपने काम में मास्टरी प्राप्त करने में , ऐसे कर्मचारियों जो बस  दंड से बचने के लिए पर्याप्त प्रदर्शन करते हैं , के बनिस्बत अधिक सक्रियता और ओरिएंटेशन के साथ काम करते हैं,. इसी प्रकार एक प्रभावी भूमिका हेतु, कर्मचारी  को साथियों और ग्राहकों के साथ collaborately काम करना चाहिये. इसके अलावा अन्य शेष आवश्यक  गुण और कौशल, जो trainable हैं, उन्हें कर्मचारी में प्रशिक्षण के दौरान विकसित किया जा सकता है. 

इन्फोसिस में चयन प्रक्रिया के कुछ उदाहरण: यू बी प्रवीण, इन्फोसिस,  के अनुसार , इन्फोसिस में चयन प्रक्रिया इस तथ्य पर आधारित है कि व्यक्ति की अलग विशेष क्षमताओं को पहचानने, यह पहचानने की कि लोग क्या करने  में अच्छे व प्रवीण  हैं और फिर उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए के लिए अवसर प्रदान करना. उदाहरण के लिये, एक व्यक्ति जो  नए कार्यों व क्षेत्रों में जुनून रखता है, उसे  बौद्धिक संपदा  क्षेत्र में डालना बेहतर है , बनिस्बत कि उसे परियोजना प्रबंधन या किसी अन्य क्षेत्र में लगाया जाय. सूरी, इन्फोसिस , के अनुसार , कार्य की आवश्यकता के अनुरूप , सही व्यक्ति का चयन (या एक विरासत में मिली टीम  हो तो उसमें नेताओं की सही पहचान करने एवं उनके विकाश हेतु उचित निवेश) करना  और एक बार टीम को चुन लिया, तो पूरा और मजबूत सहारा देना.सूरी का यह भी कहना है कि लोग समूह, दल या फर्म की बड़ी तस्वीर और लक्ष्य के लिए के लिए जो महत्वपूर्ण है, उस उद्देश्य के प्रति सदैव  पंक्तिबद्ध रहें. 


प्रेरण(Induction) - यह चयनित कर्मचारी का टीम के काम के नए माहौल में सुचारु रूप से काम करने और अपेक्षित स्तर तक उसका प्रदर्शन हेतु ramping की प्रक्रिया है. यह न सिर्फ कंपनी के संचालन के साथ familiarsing की प्रक्रिया है, बल्कि यह कंपनी के मूल्यों और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं से भी  जान पहचान कराना है. इन्फोसिस में इसे, नए कर्मचारियों को उनके प्रबंधक संरक्षक की मदद से समाजीकरण के माध्यम से, और  टीम में एक दोस्त सहकर्मी समूह के माध्यम से, जो कर्मचारी को काम से बाहर अतिरिक्त जानकारी दे सकता है, और एक ऐसा माहौल बनाने में जहाँ कर्मचारी अपने विचारों को व्यक्त करने में सहज महसूस करता है,  हासिल किया जाता है

कर्मचारी अनुबन्धन (Engagement) एवं अधिकारिता प्रक्रिया ( Empowerment): कर्मचारी को कम्पनी में अच्छी तरह से शामिल करने के बाद, और उसके पूर्ण समाहितीकरण के उपरान्त, नेतृत्व के लिए प्रमुख चुनौती है कर्मचारी को पूरी तरह से निरंतर अनुबंधित रखना. लक्ष्य निर्धारण कर्मचारी के टीम या संगठन के सामरिक उद्देश्यों के साथ संरेखण को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होता है. हालांकि कर्मचारी अनुबन्धन में एक महत्वपूर्ण कारक है संगठन की संस्कृति – कम्पनी की नीतियों, प्रणाली, काम करने का तरीका और समर्थन पारिस्थितिकी तंत्र.  मार्कस बकिंघम (1999) के अनुसार, 'प्रतिभाशाली लोग कम्पनी की  नाम - प्रसिद्धि या इसके करिश्माई नेताओं के कारण , या उसके उदार भत्तों और लाभ आदि के कारण ,इस संगठन में शामिल तो हो सकते हैं, लेकिन साथ ही कर्मचारी के कम्पनी में बने रहने और उत्पादकता जारी रखने के लिए उसका / उसकी वर्तमान पारिस्थितिकी तंत्र और अपने तत्काल पर्यवेक्षक के साथ उसके रिश्ते से निर्धारित होता है. हालांकि, कुछ संतुलन और प्रभाव युक्तिकरण पारिस्थितिकी तंत्र,  संगठन की संस्कृति , और कर्मचारी के तत्काल प्रबंधक के  बीच इस या उस तरह से होता है .इस प्रकार कम्पनी के प्रति कर्मचारी का अनुबंधन बड़े स्तर पर तो संगठन के मिशन से जुड़े रहना है, वहीं सूक्ष्म स्तर पर इतना कह सकते हैं,कि वह अपनी तत्काल टीम के लक्ष्यों उद्देश्य के बारे में सजग है. 

दरअसल प्रत्येक नेता और व्यक्तियों का व्यवहार, उनकी टीम के साथ अनुबंधन का एकत्रीकरण ही संगठन की संस्कृति में परिणीत होता है. इसीलिये कम्पनी के नेताओं की  इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका है कि  पहले खुद को वांछित व्यवहार मॉडलिंग भूमिका द्वारा कम्पनी के लिये एक निश्चित संस्कृति तैयार करना . यह दल के भीतर एक cascading प्रभाव बनाता है. इस प्रकार नेता अपने  इस व्यक्तिगत आचरण के निर्झर-निर्माण प्रभाव (Waterfall effect) से, कर्मचारी अनुबन्धन को काफी  हद तक बढ़ा सकते हैं.


लोग कम्पनी के प्रति अनुबन्धित  हैं या नहीं, यह सदैव एक य़क्ष प्रश्न बनकर नेतृत्व के सामने प्राय खडा हो जाता है. कर्मचारी और संगठन में अनुबंधन व प्रेरणा उत्पन्न करने के लिए कई आंतरिक व बाह्य परिप्रेक्ष्य हैं. Herzberg (1987) का तर्क है कि प्रेरणा work-enrichment से आता है. Argyris (1998) का तर्क है कि यह आंतरिक प्रतिबद्धता (empowerment) से आता है.Henry Mintzberg (2001) का तर्क है कि समुदायिकता के लिये एक अधिक विनम्र नेतृत्व रूप की आवश्यकता हो सकती है जो ज्यादा अनुबन्धित  और वितरित हो. समुदाय के नेताओं को खुद को केंद्र में रहना है, जो बाहर से नीचे के बजाय सब तक सीधे पहुँचते और सम्पर्क रखते हैं. इस प्रकार नेताओं की शैली अधिक सहभागिता , यानी लोगों को निर्णय लेने की प्रक्रिया के एक महत्वपूर्ण भाग के रूप में शामिल किया जाना, की हैं. हालांकि आत्म प्रभावकारिता ( self efficacy) का विचार - विकल्पों और trade-off बनाने के लिए आत्मविश्वास , सशक्त महसूस  करने के लिए और प्रदर्शन करने की क्षमता के लिए महत्वपूर्ण है.  इस तरह कई उदाहरण है, जहां एक मामूली प्रदर्शन कर रही कंपनी का कर्मचारी सशक्तिकरण और उन लोगों के साथ कम्पनी के लाभ का  साझीकरण (Profit Sharing) के माध्यम से कम्पनी का आमूल परिवर्तन (Turn Around) संभव बन सका. इस प्रकार एक कंपनी को  उसके लोगों के मन और दिल में परिवर्तन से,  तेजी से बदला जा सकता हैं, और लोगों को तेजी से बदलने के लिए सबसे अच्छा है कि लोगों के पास इस परिवर्तन लक्ष्य के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं हैं. सशक्तिकरण इस तरह दोनों पक्षों के लाभ और उसके लोगों के साथ साझा जिम्मेदारी है. 

सशक्तिकरण दो स्तरों पर होता है – एक तो संगठन में सशक्तिकरण रचनात्मक व वर्धनात्मक वातावरण बनाना, और दूसरी ओर एक व्यक्ति के स्तर पर, जहां हर नेता अपने  संबंधित कर्मचारी को पूरा समर्थन करता है और उन्हें उचित सहारा देता  है. 

संगठनात्मक स्तर पर अधिकारिता: विभिन्न अध्ययनों में, यह स्थापित किया गया है 'कि कम्पनी में कर्मचारी अधिक सशक्त महसूस करते हैं और नई प्रणाली के साथ नया प्रयोग करने के लिए तैयार रहते हैं, जब उनकी सीख प्रक्रिया के   पर्यवेक्षकों / नेताओं द्वारा गलतियों की स्वीकृति और उनको गलतियों के खिलाफ सज़ा से अभयदान मिलता है . 

यह देखा गया है कि संगठन में अधिकारों के शिष्टमंडलीकरण ( delegation), सशक्तिकरण के एक भाग के रूप में , के बाद भी नेतृत्व का  अपनी क्षमता व शक्ति के साथ इन अधिकारों को प्रभावी रूप से अमल में नहीं लाना, इस शक्ति-विकेन्द्रीकरण के वाँक्षित परिणाम नहीं लाते. यह आत्म प्रभावकारिता या इन अधिकारों को अमल में लाने में उनकी आत्मविश्वास की कमी के कारण हो सकता है. यह संभव है कि उनके द्वारा निर्णय के संदर्भ के बारे में तथ्यों को नहीं समझाया जाना और कर्मचारी को स्पष्ट रूप से और उपयुक्त माध्यम से संचारित नहीं किया गया है.या यह बहुत संभव है कि  कर्मचारी का कार्य- कौशल, जो काम करने की आवश्यकता है, की कमी या अन्यथा आवश्यक संसाधनों की कमी के कारण , इन फैसलों को लेने के लिए तैयार नहीं हैं या फैसला लेने से बचना चाहते हैं. कभीकभी पिछली गलतियों के खिलाफ सजा की विरासत भी कर्मचारी द्वारा निर्णय लेने के खिलाफ हिचकिचाहट या दुबिधा पैदा करती है ( उदाहरणार्थ - कुछ कर्मचारियों की अतीत में कार्य के विरुद्ध, सतर्कता निहितार्थ भय उन्हें भविष्य में किसी भी साहसिक निर्णय लेने से रोकते है.).

इस प्रकार सशक्तिकरण , सभी प्रकार से लोगों में इस तरह के आवश्यक आत्मविश्वास बनाने के बारे में है, इस बारे में उन्हें यह तय करने के लिए कि यह न केवल सत्ता के लिए या मात्र कार्रवाई करने का अधिकार दे रही है, बल्कि  उनमें साझा उद्देश्यों तक पहुँचने की दिशा में कार्य करने के लिए सक्षमता का आत्म - विश्वास भी पैदा कर रही है. इस प्रकार सच्ची शक्ति मात्र सत्ता का औपचारिक स्थान्तरण ही नही है, अपितु  यह ज्ञान, प्रभाव, और विश्वास की वास्तविक शक्ति है. 

व्यक्तिगत स्तर पर अधिकारिता: यह नेताओं के व्यक्तिगत स्तर पर अपने कर्मचारियों को संगठन में बड़ी तस्वीर देखने के लिए किया जाता है और उन्हें संगठन में समग्र सामरिक उद्देश्य के साथ गठबंधन करने, संगठनात्मक लक्ष्यों का स्वामित्व अनुभूत करने, कर्मचारियों के लिए आवश्यक कौशल, ज्ञान और संसाधनों प्रदान करने में है ताकि वे उन कार्यों का सकुशल सम्पादन कर सकें जिनके लिये उन्हे जिम्मेदार बनाया गया है, और  सबसे महत्त्वपूर्ण यह कि  उनके सीखने की प्रक्रिया के दौरान  गलती करने को भी पूरा समर्थन है. इस प्रकार सशक्तिकरण के लिए पूर्वापेक्षाएं हैं: साझा उद्देश्यों, पर्याप्त संसाधन और पर्याप्त प्रशिक्षण और व्यक्तिगत करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करना और इन सारी सीखने की प्रक्रियाओं के दौरान कर्मचारियों को पूरा समर्थन. 


उपरोक्त कारकों के अलावा प्रभावी प्रतिभा नेतृत्व के दृष्टिकोण से , उचित राय प्रणाली सशक्तिकरण की प्रक्रिया की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है. उचित प्रतिक्रिया प्रणाली (feedback system) अन्य व्यक्ति को पर्याप्त रूप से सुनने के बाद किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय पर पहुँचने में मदद करता है और इसके अलावा यह किसी भी नकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए जगह देती है, ताकि नेतृत्व की प्रक्रिया में और सुधार शामिल किया जा सके. उचित प्रतिक्रिया भी कर्मचारियों की प्रेरणा का कार्य करती है, और उनके वास्तविक सशक्तिकरण में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारक है. 

इन्फोसिस में प्रतिभा नेतृत्व: इस पुस्तक में , संगठन में विभिन्न नेताओं के साथ साक्षात्कार के माध्यम से यह स्थापित किया गया है  कि, ज्यादातर नेताओं ने अपने लोगों को क्षमतावान बनाने  के लिए जिम्मेदारी लेने में , अपने कर्तव्यों और खुद को सौंपी परियोजनाओं के लिए एक स्वामित्व लेने में , दृढ़ आस्था दिखायी. वे ( नेतृत्व ) अपने लोगों को अच्छी तरह से समझने, और उनकी पसन्द-नापसन्द की पहचान पर समय खर्च करते हैं, कर्मचारियों को  उनके असाइन रोल द्वारा संगठनात्मक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, उनकी टीम के साथ बड़ी तस्वीर और उसमें कर्मचारी की  भूमिका के बारे में लगातार बातचीत करते हैं, और उन्हें ( संगठन के सामूहिक लक्ष्यों को ) प्राप्त करने के प्रयासों के महत्व के साथ,  कर्मचारियों के हित का खयाल रखने, निर्णय लेने  की प्रक्रिया में उनकी ( कर्मचारियों ) और अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने , और कर्मचारियों की दृश्यता व पहचान सुनिश्चित करने, और सबसे महत्वपूर्ण बात कि  गलतियों को स्वीकार करने और उन से सीखने की प्रक्रिया पर पूरी शिद्दत से ध्यान देते हैं.

पुस्तक लीडरसिप @ इन्फोसिस : सम्पादक Matt Barney,PhD पर एक दृष्टिकोण:अध्याय 6:प्रतिभा (Talent) नेतृत्व


Saturday, February 26, 2011

........ये फैले चादर बिस्तर के ।


बचपन की वह धमाचौकडी,
ऊधम, उठा पटक ,पटकम पटका,
सूँ फूँ ,ढिसुम विसुम,
गये दिनों की बातें हैं पर,
सबके गवाह रहे हैं,
ये फैले चादर बिस्तर के ।

लत्तम लत्ता , सिर फुडौवल,
रोमन कुश्ती सी धकड पकड,
बाल खींचना , गला चाँप,
भेडियाधसान , सिरचाँप,
सब बर्दास्त किया है इसने,
ये फैले चादर बिस्तर के ।

तकिया से गदायुद्द,
और रजाई लपट, जुत्थम जुत्थ,
साँस रोक देने वाला,
एक सिर के ऊपर चार खुत्थ,
सिकुडे, मुचमुचे से,अस्तव्यस्त,
ये फैले चादर बिस्तर के ।


अब जब सब शान्त सा है,
करीने से साफ सुथरे, बिना किसी सिलवट के,
यथास्थान , व्यवस्थित तकिया रजाई,
ना कोई धमाचौकडी,कोलाहल या शोर,
पर बहुत उदास से लगते हैं,
ये फैले चादर बिस्तर के ।