Tuesday, December 25, 2012

कुछ डिप्रेसिंग व कुछ इंस्पायरिंग.....


कब्बन पार्क-बंगलौर - प्रातःकाल की अलौकिक सुंदर छटा


इस वर्ष के बीतने में चंद दिवस ही बाकी हैं व नयावर्ष आने को है,यह समय प्रत्येक व्यक्ति हेतु बीते वर्ष में लिये गये रिजोलुसन्स व अन्य निर्धारित लक्ष्यों के प्रति उपलब्धि का लेखाजोखा करने व नये वर्ष हेतु नये रिजोलुसन्स लेने व नये लक्ष्य निर्धारित करने का समय होता है।

वैसे मैं अपने जीवन में कभी इतना नियमबद्ध,अनुशासित व दृढ़संकल्पयुक्त तो नहीं रहा कि हर नये वर्ष कोई नया रिजोलुसन लेता हूँ व उसको प्राप्त करने हेतु जी-जान से प्रयास करता हूँ, परंतु इस वर्ष की शुरूआत में अपने हेतु तीन छोटे-मोटे लक्ष्य रखे थे- पहला तो था अपना शारीरिक वजन आठ से दस किलो घटाना , दूसरा था कार ड्राइविंग सीखना और तीसरा था कन्नड़ भाषा सीखना।किंतु तीनों निर्धारित लक्ष्यों में मेरा प्रदर्शन अच्छा तो दूर , संतोषजनक भी नहीं रहा।

हुआ यूँ कि पिछले जनवरी वार्षिक हेल्थचेकअप में वैसे तो प्रभु कृपा से(हाँ प्रभुकृपा ही कह सकते हैं जब कोई निजी व विशेष प्रयास नदारद हो) सब कुछ सामान्य निकला, सिवाय की डाक्टर की हिदायत थी कि मेरी 5 फीट आठ इंच की हाइट के मुताबिक मेरा वर्तमान 77 किलो वज़न,सामान्य से लगभग दस किलो ज्यादा है, अतः मुझे अपने डाइट में कुछ बदलाव व अपनी दिनचर्या में थोड़ा शारीरिक व्यायाम व सुबह की सैर शामिल करना चाहिये।

शाकाहारी होने व खान-पान  भी अति साधारण ही होने के नाते मेरे ओवरवेट का कारण डाइट तो कम पर सिडेंटरी ( शारीरिक श्रमरहित) जीवनशैली ही ज्यादा जिम्मेदार लगती है।कुछ दिन तो सुबह की सैर व सूर्यासन इत्यादि की शुरुआत व इसका क्रम जारी रहा , परंतु पुरानी जड़ता व आलस्य-स्वभाव,व कुछ-न-कुछ घरेलू परेशानियों के बहाने के कारण ,सब ब्रेक हो गया व जिंदगी फिर से पुराने ढर्रे पर चलने लगी, नतीजन इस दिशा में प्रगति भी सीफर ही रही।इसी प्रकार ड्राइविंग भी संतोषजनक स्तर तक नहीं सीख पाया।कन्नड़ थोड़ा बहुत पढ़ने- लिखने का तो अभ्यास हुआ है किंतु बोलने व बातचीत करने में तो अभी भी प्रगति लगभग शून्य ही हैं।

विगत सप्ताह रेलवे विभाग के एक शीर्षस्थ अधिकारी दिल्ली से बंगलौर दौरे पर आये तो उन्होंने परले सुबह कब्बनपार्क में सैर करने की इच्छा व्यक्त की व उन्हें सुबह साढ़े-पाँच बजे पार्क ले जाने व उनकी सुबह की सैर में साथ रहने की जिम्मेदारी मुझे सौपी गयी। उन साहब की तेजतर्रार छवि व रोबदार व्यक्तित्व के बारे में मैं सुना था अत: इस जिम्मेदारी को निभाने व किसी भी प्रकार की त्रुटि न होने की में मन में भारी घबराहट थी।

सर शेषाद्रि अय्यर स्मारक लाइब्रेरी, कब्बनपार्क
सुबह के छः जब हम  कब्बन पार्क पहुँचे तो वहाँ सुबह की सैर करने वालों की सामान्य चहलपहल थी। सुबह-सुबह कब्बन पार्क जाने व वहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य व सैर का आनंद लेने का मेरा भी यह प्रथम अनुभव था, और यह यह निश्चय ही अद्भुत था। साहब के सैर करने की चाल काफी चौकस व तेज थी, उनकी तेज चाल के साथ मिलकर चलना मेरे लिये लगभग असंभव हो रहा था और उनके साथ सैर करने के दस मिनट पश्चात् ही मेरी हालत पस्त हो गयी और मैं पिछड़ने लगा। संयोगवश एक अन्य सहयोगी अधिकारी व एक रक्षाकर्मी साथ में थे जो साहब के साथ सैर में साथ देते रहे अन्यथा तो मेरे लिये बड़ी ही शर्मसार स्थिति हो गयी थी।

उन्होने मेरी इस शारीरिक अनफिटनेस पर मुझे खूब लताड़ा।उन्होंने तकरीबन डेड़ घंटे की तेज सैर पूरा करने के पश्चात ही विश्राम लिया व फिर उन्होने शारीरिक फिटनेस, इससे संबंधित अपने निजी अनुभव की अनेक महत्वपूर्ण बातें व नसीहतें बतायी जो निश्चय ही चकितकारी थीं। उन्होंने मुझसे पूछा कि इससे पहले मैं उनसे कब मिला था व उनमें क्या परिवर्तन देखता हूँ,तो मैंने अपने स्मरण के आधार पर बताया कि पिछली बार मैं उन्हे दिल्ली में 2006 में देखा था और तब वे काफी ओवरवेट दिखते थे और अब दिखता है कि उन्होंने अपना काफी वजन कम किया है।

उन्होंने कहा मात्र काफी कम नहीं, बल्कि विगत पाँच वर्षों में उन्होंने अपना 41 किलो वजन कम किया है। फिर उन्होंने एक अनुभवी डॉक्टर व कुशल डाइटिसियन की तरह विभिन्न खाद्य व पेय पदार्थों की कैलोरी मात्रा व सही निर्धारित डाइट व दिनचर्या के बारे अनेक महत्वपूर्ण बातें बतायीं।मैं अचंभित व सहमा सा उनकी बातें ध्यान से सुनता रहा।अंत में उन्होंने अपने इस कड़ी हिदायत के साथ अपनी बात समाप्त की व कब्बनपार्क से विदा लिया कि मुझे नियमित प्रतिदिन एक घंटे की सैर,शारीरिक व्यायाम,योगाभ्यास करना चाहिये और यह सुनिश्चित करना चाहिये कि अगली बार जब उनसे मिलूँ तो मैं शारीरिक रूप से बिल्कुल फिट हूँ।

बंगलौर में ही मेरे एक अन्य सहयोगी अधिकारी व धनिष्ठ मित्र हैं,जिनकी विगत जनवरी के स्वास्थ्यपरीक्षण में कुछ असामान्य रिपोर्ट आयी थी व अपने स्वास्थ्य को लेकर कुछ दिनों तक वे बड़े चिंतित भी थे, उन्होंने विगत दस-ग्यारह महीनों में अपने खानपान व नियमित सुबह की सैर की सहायता से अपना 9-10 किलो बजन कम किया है और वे अब काफी स्वस्थ व फिट दिखते हैं। वे भी एक अति दृढ़संकल्पी व लगनशील व्यक्ति हैं व उन्हें मैं हमेशा नयी विधाओं व कुशलता,जैसे पुस्तकलेखन करने,गिटार बजाना सीखने,नयी शैक्षणिक उपाधियाँ अर्जित करते रहने में हमेशा तल्लीन देखता रहा हूँ।

इसी प्रकार विगत माह मेरा छोटाभाई , जो वाराणसी में रहता है, बंगलौर आया व उससे मैं वर्षों बाद मिला तो उसे अचंभित सा उसे देखता रहा कि उसने अपना वजन 10-12 किलो कम कर लिया है, व जैसे उसकी छात्रजीवन की शारीरिक फिटनेस फिर से वापस आ गयी हो।इसी प्रकार मेरे कई सहयोगी,साथी व परिचित हैं जिनका अपना शारीरिक फिननेस व संतुलित शारीरिक वजन बनाये रखना मुझे अचंभित सा करता है।

जब ऐसे अति दृढ़संकल्पी, सक्षम व कर्मशील लोगों से मुलाकात होती है तो निश्चय ही स्वस्थ रहने व शारीरिक रूप से फिट रहने की प्रेरणा व उत्साहवर्धन के साथ ही साथ थोड़ा डिप्रेसन भी अनुभव होता है कि इस दिशा में मैं स्वयं कितना कमजोर-संकल्प-शक्तिवान व नाकारा व्यक्ति हूँ।हाँ आप समझ ही सकते हैं कि जब मैं नये साल के रिजोलुसन के बावजूद व सालभर बीत जाने के पश्चात् भी अपना दस किलो तो दूर, दो-तीन किलो वजन भी नहीं कम कर पाया,ड्राइविंग जैसे साधारण पर अति उपयोगी कुशलता को भी ढंग से नहीं सीख पाया,या बंगलौर में जहाँ रहते हुये पाँच साल से ज्यादा हो गये पर यहाँ की स्थानिय भाषा कन्नड़ भी अभी तक बोलचाल के स्तर पर नहीं सीख सका, तो अपने इस नाकारेपन , नालायकी व संकल्पशक्क्ति की कमजोरी का अहसास मन को थोड़ा डिप्रेस  भी करता है।

फिर भी मूलतः व सत्य तथ्य तो यही है कि जब आप अपने किसी परिचित,मित्र अथवा घर के सदस्य को कुछ असंभव सी उपलब्धि हासिल करते देखते हैं तो आपको एक अद्भुत व नयी प्रेरणाशक्ति हासिल होती है जो आपको भी इसी प्रकार असंभव से लगने वाले लक्ष्य को भी हासिल करने के लिये प्रयास करने का हौसला व आत्मविश्वास देती है व आप नये जोश के साथ अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने का गंभीर प्रयास करने लगते हैं।

नये वर्ष पर आप अवश्य ही नये रिजोलुसन्स लेने की तैयारी कर रहे होंगे, परंतु मुझे तो अब भी अपने पुराने साल के अधूरे लक्ष्यों को ही पूरा करना है।आशा करता हूँ कि कम से कम नये वर्ष में अपने मित्रों , सहयोगियों की चमत्कारिक उपलब्धियों के प्रेरणास्वरूप मैं भी अपने निर्धारित अधूरे लक्ष्यों को अवश्य प्राप्त कर पाऊँगा।

स्वयं के साथ सबको नये वर्ष की मंगलकामना कि सब के निर्धारित लक्ष्य व मनोकामनायें पूरी हों, सभी स्वस्थ,प्रसन्न व मंगलमय हों।   

7 comments:

  1. आपकी इस उत्कृष्ट पोस्ट की चर्चा कल बुधवार के चर्चा मंच पर भी है | जरूर पधारें |
    सूचनार्थ |

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  2. Aapke adhikari mahodaya ka sankalp aur unki uplabdhi prernadayak hai. Aapka yah sweekarna ki apaka prayas vigat varsh adhura raha apane aap me ek sakaratmak kadam hai. Poori asha hai ki aap is disha me aane wale varsh me zarur safal honge. Happy New Year.

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  3. आप क्‍या हम भी डिप्रेस हुए जा रहे हैं। वजन घटने का नाम ही नहीं लेता।

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  4. बिना चेतावनी के कुछ कर लेना अच्छा है, नहीं तो लोगों का संकल्प तब जागता है जब विकल्प बचता नहीं है।

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  5. दृढ़ संकल्प,ही तो निश्चय रूप से स्वस्थ रहने व शारीरिक रूप से फिट रहने की प्रेरणा देता है,
    आप अधूरे लक्ष्यों को अवश्य प्राप्त कर पायें,,,मेरी बहुत२ शुभकामनाए,,,,

    recent post : समाधान समस्याओं का,

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  6. It's a beautiful post. Loving the concept of depressing and inspiring which is beautifully portrayed throughout the write up.

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