सूरज, वाह
! ऊर्जा का क्या अद्भुत श्रोत है- जी
हाँ यह अभूतपूर्व उद्गार किसी और के नहीं बल्कि अब से तकरीबन अस्सी वर्षों पूर्व
ही अमरीकी महान अन्वेषक व अद्भुत उद्यमी थॉमस अल्वा इडिसन के थे।सन् 1930
में ही अपने अभिन्न मित्रों व सहयोगियों हेनरी फोर्ड व हार्वे फायरस्टोन
से उन्होने यह बात कही थी कि ' मैं तो अपना सारा धन सूरज व
सौर-ऊर्जा पर लगा सकता हूँ। वाह! यह क्या अद्भुत ऊर्जा का श्रोत है?मैं उम्मीद करता हूँ कि सौर ऊर्जा के प्रभावी व्यावसायिक उपयोग हेतु
हमें प्रथम अपने हाइड्रोकार्बन ऊर्जा श्रोतों के चुक जाने का इंतजार नहीं करना
होगा।'
हालाँकि इडिसन ने जब यह भविष्य के ऊर्जाश्रोत
के रूप में सौर-उर्जा की प्रधानता के प्रति घोषणा की थी ,उसके एक दशक पूर्व ही आइंस्टीन ने फोटोवोल्टेयिक सेल
की खोज कर दी थी जिससे की प्रकाशऊर्जा को विद्युतऊर्जा में परिवर्तित किया जा
सकता है, परंतु उस समय सौर ऊर्जा के किसी व्यावसायिक उपयोग
या इसका बिजली के उत्पादन हेतु हाइड्रोकार्बन श्रोतों के विकल्प के रूप में
देखना एक सामान्य विचारधारा के व्यक्ति के लिये तो कल्पना के परे व हास्यास्पद
ही था।
किंतु इडिसन जैसे विलक्षण प्रतिभाशील व्यक्ति
भविष्य के क्षितिज पर लिखी इबारत को पढ़ने में सक्षम होते हैं।आज इक्कीसवीं की
शुरुआत और इसके मात्र एक दशक बीतते ही हाइड्रोकार्बन श्रोतों के निकट भविष्य में
ही चुक जाने की भयाबह आशंका के मद्देनजर जब वैकल्पिक ऊर्जा श्रोतों पर हमारी निर्भरता
बढ़ाने की बात चल रही है, तो उसमें सौरऊर्जा प्रमुख
विकल्प के रूप में उभर रहा है।
जहाँ दो दशकों पूर्व हमारी उर्जा-आवश्यकताओं की
आपूर्ति में सौरऊर्जा का योगदान नगण्य,1.5 प्रतिशत से भी कम था,वहीं
आज इसका योगदान बढ़कर पाँच प्रतिशत हो गया है।ऊर्जा विश्लेषकों का मानना है कि
यदि सौरऊर्जा की वर्तमान उल्लेखनीय वृद्धि जारी रही तो वर्ष 2025 तक विश्व की सभी ऊर्जा आवश्यकताओं के लगभग चौथाई हिस्से की आपूर्ति
सौरउर्जा से ही होगी।
|
सोलर पैनल |
हमारे देश में भी सौर ऊर्जा के अधिकतम वैकल्पिक
उपयोग हेतु जवाहरलाल नेहरू सौर अभियान शुरू किया गया है जिसके अंतर्गत 20000 मेगावाट ग्रिडपावर बिजली,2000 मेगावाट ग्रिड के इतर घरेलू उपयोग की बिजली,गरम
पानी हेतु 20 मिलियन वर्गमी.सोलरताप पैनल व ग्रामीण
क्षेत्रों में प्रकाश हेतु 20 मिलियन वर्गमी. सोलर पैनल
लगाने की योजना है।
|
सोलर हीटर |
भविष्य में हमें अपनी अधिकांश दैनिक उर्जा
आवश्यकता- जैसे घर में रोशनी,गरम पानी,वातानुकूलन,खाने पकाने हेतु ईंधन,घर व कार्यालय में उपयोग आने
वाले इलेक्टॉनिक उपकरणों हेतु बिजली,व्यक्तिगत वाहन
इत्यादि, की आपूर्ति हेतु सौरउर्जा पर ही निर्भर रहना
होगा। शहरों में बिजली की भारी समस्या को देखते हुये लोग बिजली के गीजर के बजाय
सोलर वाटर का अधिकांशत: उपयोग पहले ही करना शुरू कर दिये हैं।इसी तरह बड़े
सामूहिक भोजनगृहों,बड़े-बड़े होटलों रेस्तराँ में भी भोजन
पकाने ,पानी गरम करने ,भवन प्रकाश व
वातानुकूलन में सौरऊर्जा का भारी स्तर पर उपयोग पहले ही हो रहा है।
आपको यह जानकर सुखद आश्यर्य होगा कि बंगलौर
जैसे शहरों की ट्रैफिक लाइटिंग प्रणाली शत्-प्रतिशत् सौर ऊर्जा पर ही आधारित
है।इसी तरह हाईवेज व स्ट्रीट लाइटिंग में सौर ऊर्जा का वृहत् स्तर पर शुरू हो
गया है।एक रिपोर्ट के अनुसार हमारे शहर की स़ड़के शीघ्र ही सोलर स्ट्रीट लाइट से
ही जगमग दिखाई देंगे।
|
सोलर पावर्ड सैटेलाइट |
जैसा हमें पता ही है कि हमारे अंतरिक्ष यान व
संचार-उपग्रह पूर्णरूपेण और आजीवन सौर ऊर्जा से ही संचालित होते हैं।
एक तरफ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बढ़ती ऊर्जा दक्षता
और दूसरी ओर सौर उर्जा उपकरणों में निरंतर तेजी से हो रहे विकाश व उन्नति के
कारण अब यह संभव दिखता है कि हमारी दैनंदिन ऊर्जा की अधिकांश आवश्यकतायें सूरज
के प्रकाश से ही पूरी हो सकती हैं और हमारे मन से यही उद्गार निकलेगा कि- सूरज, वाह ! ऊर्जा का क्या अद्भुत श्रोत है ।
|
बहुत सुन्दर जानकारी दी है आपने देवेन्द्र भाई.
ReplyDeleteसौर उर्जा वास्तव में आने वाले समय में अनिवार्य
विकल्प होती जायेगी.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
मैंने नई पोस्ट'हनुमान लीला भाग-२'जारी की है.
समय मिलने पर आईयेगा.
सकल विश्व की ऊर्जा का स्रोत।
ReplyDeleteसूरज तो हमेशा से भी न सिर्फ बाहरी ऊर्जा बल्कि आत्मिक ऊर्जा का स्रोत भी रहा है ... और हमारे दैन्य जीवन में भी इसका महत्व हमारे पूर्वजों ने जीवन पद्धति के साथ ही बाँधा है ... कई बार लगता है कितनी दूर की सोच थी उनकी और हमने उस सोच को आज कुंठित कर दिया ...
ReplyDelete