स्थित भविष्य के गर्भ में जो,
हजारों कदम दूर मंजिल है तेरी,
किंतु मंजिल की डगर में उठा,
तुम्हारा हर एक लघु पग ही,
वर्तमान पल का प्रतिनिधि है।1।
यह एक लघु डग है स्वयं में,
तुम्हारी दूरमंजिल,यात्राडगर
तुम्हारे संकल्प.गति,कर्म,दृष्टि
सबको बीज सा खुद मे समेटे
भविष्य का भी नियतिनिधि है।2।
इस क्षण जो तूने पग उठाया
यह एक डग ही सत्य है,
शिव भी यही डग है तेरा,
सौन्दर्य की अभिव्यक्ति बन
अस्तित्व का कल्याणनिधि है।3।
जो आनंदमय हो यह पग धरो
यह पूर्णता अभिव्यक्त करता,
स्वयमात्मा की प्राप्ति पथ को
स्पष्टमय अवलोक करता,लघु
कदम ही चिर प्रकाश-निधि है।4।
इस दीर्घ यात्रा के अंत में जो
क्षितिज पर मंजिल मिलेगी ,
पर वर्तमान क्षण का लघु कदम
स्वयं को जानने की अंतर्यात्रा का
उद्देश्य ,आत्मपूर्णता
का निधि है।5।
भूतकाल में भटका मन
हरपल मृत्यु को पाता।
वर्तमान में जो जी लेता,
पुनर्जन्म मिल जाता ।6।
This poem is based on the following excerpts from the wonderful book on enlightenment: 'The Power of Now' by Eckhart Tolle, the German Spiritual master and the renowned author on spiritualism.
Your outer journey
may contain a million steps; your inner journey only has one: the step you are taking
right now. As you become more deeply aware of this one step,you realize that it
already contains within itself all the other steps as well as the destination. This
one step then becomes transformed into an expression of perfection,an act of great
beauty and quality. It will have taken you into Being, and the light of Being will shine
through it. This is both the purpose and the fulfillment of your inner journey, the journey
into yourself.
जो भी है, बस यही एक पल है।
ReplyDeleteभूतकाल में भटका मन
ReplyDeleteहरपल मृत्यु को पाता।
वर्तमान में जो जी लेता,
पुनर्जन्म मिल जाता...
Great lines Devendra ji...Thanks.
.
भूतकाल में भटका मन
ReplyDeleteहरपल मृत्यु को पाता।
वर्तमान में जो जी लेता,
पुनर्जन्म मिल जाता ।6।
बहुत ही सुन्दर,सार्थक व प्रेरणादायक प्रस्तुति है आपकी.
मंजिल की ओर उठा एक कदम भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.
एक एक कदम से ही मंजिल तय हो जाती है.
प्रेरणादायी बहुत ही सुन्दर रचना...
ReplyDelete