Tuesday, October 23, 2012

मुझको पापों से मुक्त करो माँ


हे जगदम्बे मात भवानी दया शिरोमणि
जननी हे भवनाशिनि दुखहारिणि  चिंतामणि
चपला हे जगप्रकाशिनी  हे विद्युतिमणि
कमला हे पद्मासिनी हे विष्णुहृदयमणि

उद्धार करो माँ,उपकार करो माँ
अधिकार करो माँ,स्वीकार करो माँ,
हूँ चरणकमल में प्रस्तुत  मैं,
जन्मोंजन्मों का तेरा कृपाऋणी।


हे जगधात्री, जीवनदात्री,
हे निधिदात्री,दुखसंघात्री।
हे अशुभनिवारिणि, शुभदात्री,
तवकृपा हो अकलुष कालरात्रि।

हे माँ कल्याणी,शिवराणी,
हे ब्रह्माणी,हरिहृदवाणी।
कृपा करो माँ,दया करो माँ
!
मुझको पापों से मुक्त करो माँ !
तुम दयाज्योति आलोकित मणि।

3 comments:

  1. आपने अपने शब्दों की सुन्दर भेंट माँ को अर्पित कर दी है, बहुत ही सुन्दर रचना ।

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  2. बहुत सुन्दर,,,, रचना के रूप में माँ को भेंट,

    विजयादशमी की हादिक शुभकामनाये,,,
    RECENT POST...: विजयादशमी,,,

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  3. बहुत सुन्दर प्रार्थना...

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