हे जगदम्बे मात भवानी दया शिरोमणि ।
जननी हे भवनाशिनि दुखहारिणि चिंतामणि।
चपला हे जगप्रकाशिनी हे विद्युतिमणि।
कमला हे पद्मासिनी हे विष्णुहृदयमणि।
जननी हे भवनाशिनि दुखहारिणि चिंतामणि।
चपला हे जगप्रकाशिनी हे विद्युतिमणि।
कमला हे पद्मासिनी हे विष्णुहृदयमणि।
उद्धार करो माँ,उपकार करो माँ।
अधिकार करो माँ,स्वीकार करो माँ,
अधिकार करो माँ,स्वीकार करो माँ,
हूँ चरणकमल में प्रस्तुत मैं,
जन्मोंजन्मों का तेरा कृपाऋणी।
हे जगधात्री, जीवनदात्री,
हे निधिदात्री,दुखसंघात्री।
हे अशुभनिवारिणि, शुभदात्री,
तवकृपा हो अकलुष कालरात्रि।
हे निधिदात्री,दुखसंघात्री।
हे अशुभनिवारिणि, शुभदात्री,
तवकृपा हो अकलुष कालरात्रि।
हे माँ कल्याणी,शिवराणी,
हे ब्रह्माणी,हरिहृदवाणी।
कृपा करो माँ,दया करो माँ !
मुझको पापों से मुक्त करो माँ !
तुम दयाज्योति आलोकित मणि।
आपने अपने शब्दों की सुन्दर भेंट माँ को अर्पित कर दी है, बहुत ही सुन्दर रचना ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर,,,, रचना के रूप में माँ को भेंट,
ReplyDeleteविजयादशमी की हादिक शुभकामनाये,,,
RECENT POST...: विजयादशमी,,,
बहुत सुन्दर प्रार्थना...
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