राहें अक्सर ढूढ़ लेती है मंजिल का पता ठिकाना इन राहों पर कुछ तो अपने कदम बढ़ाकर देखो,,,उत्कृष्ट प्रेरक रचना,,recent post...: अपने साये में जीने दो.
आपके इस प्रविष्टी की चर्चा बुधवार (21-11-12) के चर्चा मंच पर भी है | जरूर पधारें |सूचनार्थ |
अनमोल.. अति सुन्दर..
एक एक शब्द पढ़ता गया और ऊर्जा में डूबता गया..
सुन्दर...प्रभावी रचना....
राहें अक्सर ढूढ़ लेती है मंजिल का पता ठिकाना
ReplyDeleteइन राहों पर कुछ तो अपने कदम बढ़ाकर देखो,,,
उत्कृष्ट प्रेरक रचना,,
recent post...: अपने साये में जीने दो.
आपके इस प्रविष्टी की चर्चा बुधवार (21-11-12) के चर्चा मंच पर भी है | जरूर पधारें |
ReplyDeleteसूचनार्थ |
अनमोल.. अति सुन्दर..
ReplyDeleteएक एक शब्द पढ़ता गया और ऊर्जा में डूबता गया..
ReplyDeleteसुन्दर...प्रभावी रचना....
ReplyDelete