मेरे
एक घनिष्ठ मित्र हैं श्री अनिल जांगिड, वे
राजस्थान से हैं और वर्तमान में फरीदाबाद में रहते हैं । वे मुझे अक्सर बडे मजेदार
व अलग तरह के चुटकुले सुनाया करते हैं।उनकी
अनुमति से उन्ही का सुनाया एक मजेदार चुटकुला मैं आप लोगों से साथ साझा करता हूँ
-
अंग्रेजी की कक्षा में एक छात्र ने अंग्रेजी शब्द ‘Nature’ का उच्चारण ‘ नटूरे’ किया ,
तो अध्यापक उसपर बहुत नाराज हुईं और छात्र के अभिवावक को शिकायत भेजीं
और उन्हें अगले दिन स्कूल में तलब किया । अध्यापक ने छात्र के अंग्रेजी-शब्द-उच्चारण
में गम्भीर कमजोरी व गलती पर कडी नाराजगी जताते हुये उसके माता-पिता को चेतावनी देते
हुये कहा कि यदि बच्चे ने अंग्रेजी शब्द उच्चारण में शीघ्र सुधार नहीं किया और दुबारा
ऐसी गलती किया तो उसे स्कूल से निष्कासित कर दिया जायेगा । इसपर घबराते हुये छात्र
के पिता ने अध्यापक से मिन्नत करते हुये कहा - अरे मैडम ऐसा मत कीजिये, उसको स्कूल से मत निकालिये , वरना उसका फुटूरे (future)
खराब हो जायेगा ।
आप
इसे एक चुटकुला मात्र समझकर सिर्फ हँसेगे , पर
यह यकीन तो कतई नहीं कर सकते कि वास्तविकता में भी ऐसा हो सकता है । पर विडंबना यह
है कि अक्सर चुटकुले किसी न किसी खाँटी सच्चाई , प्रिय या अप्रिय
, का ही बयान करते हैं ।मैं
इसी चुटकुले से मिलता-जुलता एक सच्चा वाकया आपको बताना चाहूँगा ।
यह वाकया तब का है
जब मैं कालेज में छात्र था।हमारी कम्प्यूटर की क्लास प्रो. सिंह लेते थे । प्रो. सिंह
भारत के उस क्षेत्र के मूलवासी थे जहाँ ‘व’ को ‘भ’ उच्चारित करते हैं । एक
दिन वे अपने लेक्चर में कम्प्यूटर मेमोरी के
बारे में बता रहे थे कि – “मेमोरी दो तरह की होती हैं,
भोलाटाइल व नानभोलाटाइल ( Memory are of two types- Volatile
and Nonvolatile)” । अब आप तो स्वयं ही अनुभवी हैं कि छात्र कॉलेज में
प्रोफेसर महोदय लोगों का लेक्चर कितनी गम्भीरता या तल्लीनता से सुनते हैं । गोया हमें
समझ में आया कि- मेमोरी दो तरह की होती हैं - भोलाटाइप और नानभोलाटाइप । पूरी ईमानदारी
से कहना चाहूँगा कि मै अपने क्लासनोट में यही नोट किया था-“ Memory
are of two types- Bhola Type and Non-Bhola Type.”
पर
उस समय मन को एक ही बात चौंकाती थी और पहेली की तरह लगती थी कि - आखिर भारत में कौन
इतना बडा धुरंधर वैज्ञानिक “भोला” पैदा हो गया और उसने कम्प्यूटर मेमोरी जैसी महत्वपूर्ण खोज कर दी , और हमारा सामान्य
ज्ञान इतना कमजोर है कि हमने उसका आज तक नाम तक नहीं सुना।
वैसे
हकीकत यही है कि हममें से अधिकांश , खास
तौर से मेरे जैसे देहाती स्कूली शिक्षा पृष्ठभूमि के लोग अंग्रेजी शब्दों के उच्चारण
में इस तरह की गलतियाँ आदतन करते ही रहते हैं, जिनपर स्वाभाविक
रूप से हँसा जा सकता है या कुढा जा सकता है।
हमारी नॉन भोला टाइप है।
ReplyDeleteये नटूरे व फ़टूरे का चक्कर एक फ़िल्म में भी दिखाया गया है।
ReplyDeleteबहुत जोरदार जी, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम
प्रवीण जी,संदीप जी एवं रामपुरिया जी, टिप्पडी हेतु आपका हार्दिक आभार।
ReplyDeleteवाह! देवेन्द्र भाई आप तो बहुत ही भोले रहे तब.
ReplyDeleteहो सकता है मेमोरी की खोज आपने ही कर डाली ही भोलेपन में.
आपकी प्रस्तुति चुटीला हास्य प्रदान करती हुई बहुत अच्छी लगी.
यूँ ही हसांते रहिएगा.
धन्यवाद राकेश जी।
ReplyDeleteआलेख पढ़कर अत्यंत आनंद आया। अंग्रेजी एक अजब सी भाषा है । p-u-t को 'पुट' कहते हैं और b-u-t को 'बट' कहते हैं। वाह !
ReplyDeleteधन्यवाद दिव्या जी ।
ReplyDelete