चरैवेति-चरैवेति: Life is name of a perpetual journey
Saturday, February 12, 2011
........चिरांगामुहब्ब्त की लौ जलती रहे
इन हवाओं से प्यार की खुशबू आती रहे|
दरिया ए मुहब्बत पेश्तर बहती रहे|
दिल की हर धड़कन में हो सदा चाहत की,
इस चिरांगामुहब्ब्त की लौ जलती रहे |
2 comments:
प्रवीण पाण्डेय
February 13, 2011 at 12:45 PM
ईश्वर आपकी आशाओं पर सहमति दे।
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देवेंद्र
February 13, 2011 at 12:56 PM
पाण्डेजी मेरी मात्र एक ही आशा (मेरी पत्नी)है । हाहाहाहा.....
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ईश्वर आपकी आशाओं पर सहमति दे।
ReplyDeleteपाण्डेजी मेरी मात्र एक ही आशा (मेरी पत्नी)है । हाहाहाहा.....
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