रणनीतिक नेतृत्व के स्थापित सिद्धांतों के अनुसार, रणनीतिक नेतृत्व हेतु अपनाई गई नीतियों को मुख्य रूप से निम्नलिखित में वर्गीकृत किया जा सकता:
• संरचना आधारित रणनीति:. यह पोर्टर पंच बल विश्लेषण ( Porter’s Five Force Analysis) (पोर्टर, How Competitive Forces shape Strategy,1979) पर आधारित है । आम तौर पर है पोर्टर बल विश्लेषण का उपयोग, SWOT( Strength,Weakness,Opportunity,Threat) विश्लेषण के साथ- साथ, कंपनी के रणनीतिक प्रबंधन विश्लेषण में किया जाता है,. पोर्टर के अनुसार , ये पांच बल, जो प्रतियोगी तीव्रता और एक बाजार के समग्र लाभप्रदता को निर्धारित करते हैं – तीन horizontals बल-स्थानापन्न उत्पादों का खतरा, स्थापित प्रतिद्वंद्वियों से खतरा , और नए खिलाड़ियों का खतरा है, और दो vertical बल- आपूर्तिकर्ताओं और ग्राहकों के कार्यक्षेत्र-सौदेबाजी की शक्ति शामिल हैं. इस प्रकार पोर्टर सिद्धांत के अनुसार , पाँच बलों में से एक हेतु संरचनात्मक बाधाओं की उपस्थिति . रणनीति प्रतिस्पर्धी लाभ का स्रोत है
• कोर क्षमता: यह रणनीति नेतृत्व का सिद्धांत, सी.के. प्रहलाद और गैरी Hamel (प्रहलाद और Hamel, The Core Competence of Corporation, 1999) द्वारा प्रचारित किया गया था । उन्होंने सुझाव दिया कि लंबे समय में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ के स्रोत के लिए , प्रतियोगियों की तुलना में बेहतर प्रसाद( offerings) और अप्रत्याशित उत्पादों और सेवाओं के अधिक प्रभावी बनाने की क्षमता है. इस प्रकार, लाभ का वास्तविक स्रोत नेता की उन क्षमताओं है कि कम्पनी की वे मौजूदा क्षमताएं जो प्रतियोगियों से बेहतर हैं , उनका विशेष लाभ उठाया जा सके . इनमें यह भी शामिल है कि प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में , कम्पनी के मौजूदा ग्राहक न केवल बेहतर खुश हैं, बल्कि अन्य बाजार भागीदार की तुलना में लगातार नया, बेहतर या कम लागत प्रसाद ( cost offerings) बनाने में कम्पनी की प्रवीणता है।
• संसाधन आधारित दृश्य( Resource based view): फर्म के संसाधन आधारित दृश्य (RBV) से उसके नेताओं की अच्छी रणनीति का पता चलता है कि फर्म के वर्तमान संसाधनों से उनके मूल्यों को प्राप्त बनाने व करने की अपने प्रतियोगियों के बनिस्बत अद्वितीय क्षमता है. इन क्षमताओं प्रक्रियाओं के बार्नी के अनुसार, (बार्नी , Firm resources and Sustained Competitive Advantage ,1991) निम्न चार कारक हैं -. मूल्यवान( Valuable), दुर्लभ(rare), अनोखी(Inimitable) और Nonsubstituable (VRIN) हैं जो frim के संसाधनों के खास गुण है और जो कंपनी को एक प्रतिस्पर्धात्मक लाभ देते है. इसलिए इन resources को प्राप्त कर या अपनाकर या विकसित करके, कम्पनी के नेता लाभ सुरक्षित कर सकते हैं . इनमे शामिल हैं प्रतिभा को आकर्षित करने, अद्वितीय नवाचारों ( Unique Innovations) को खरीदने, या VRIN विशेषताओं के साथ बेहतर क्षमताओं का निर्माण.
इन्ही सिद्धांतों के आधार पर इन्फोसिस ने ग्लोबल डिलीवरी मॉडल के मूल निर्माता के रूप में एक अद्वितीय कोर सक्षमता अपनायी. कम्पनी की मूल रणनीति थी , भारत में संचालित स्मार्ट मूल्यसंबर्धित सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों की क्षमता से विकसित देशों में ग्राहकों के लिए, और रियायती कीमतों दरों पर बेहतरीन सेवा उपलब्ध कराना.
डिफ़रेंशियेटर्स- असाधारण सुविधाओं – आधुनिक सुविधाओं व ग्लोबल संचार नेटवर्क सुविधा से सुसज्जित कार्यालय भवन, अंतरराष्ट्रीय और संसार के सर्वश्रेष्ठ मापदंडों के अनुसार कर्मचारियों के लिए कार्यसुगम पर्यावरण व प्रशिक्षण केन्द्र, द्वारा कम्पनी ने प्रारम्भ से ही सुविधा डिफ़रेंशियेटर्स बनाये रखा.इसतरह, इन्फोसिस एक विश्व स्तर पर सम्मानित सॉफ्टवेयर समाधान प्रदान कंपनी बन गया जो सर्वोत्तम नस्ल के लोगों द्वारा , सर्वोत्तम सॉफ्टवेयर सेवा थी.
इसके अलावा आदर्श सपाट विश्व ( Ideal Flat World) का फायदा उठाते हुए, इन्फोसिस परिचालन का प्रयास समझदारी से काम को बाँटने और काम के वितरण पर था. ग्राहक के आमने सामने का काम ग्राहक के साथ ही करना, जबकि सॉफ्टवेयर काम अपतटीय किया जाना, लेकिन गुणवत्ता के उच्चतम स्तर पर. वैश्विक ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए वं निर्बाध संचालन निष्पादित करने के लिए भारत से परे मैक्सिको, लैटिन अमेरिका, पोलैंड, चेक गणराज्य और चीन स्थानों में निर्दोष ग्राहक सहायता केन्द्रों के साथ निर्दोष आपरेशन केन्द्र खोले गये.
रणनीति निष्पादन और स्कोर कार्ड: रणनीतिक नेतृत्व की आवश्यकता है कि अपनाई रणनीति वास्तविक परिचालन में परिवर्तित है. इस प्रकार 2002 में इन्फोसिस ने एक स्कोरकार्ड दृष्टिकोण अपनाया जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सामरिक अनिवार्यता नीचे उपयुक्त डिलिवरेबल्स में संगठन के सभी स्तरों पर प्रभावकारी रूप से अमल हो रहे हैं या नहीं. वास्तव में इंफोसिस दुनिया भर में पहली आईटी परामर्श और सेवा कंपनी बनी जो संतुलित स्कोरकार्ड हॉल आफ फेम में मान्यता प्राप्त और पुरस्क़ृत हुई. यह पुरस्क़ार पांच प्रमुख सिद्धांतों - कार्यकारी नेतृत्व के माध्यम से परिवर्तन जुटाने, संचालन संदर्भ में रणनीति का अनुवाद, चारों ओर संगठन aligning इसके रणनीति, रणनीति को हर किसी के काम करना प्रेरित करने के लिए और एक निरंतर प्रक्रिया रणनीति बनाने के लिए गवर्निंग पर आधारित है.
Predictability, स्थिरता(Stability), लाभप्रदता( Profitability), Derisking (PSPD)
व्यापार के क्षेत्र में जारी चुनौतियों के मद्देनजर, खुद को ग्राहक, प्रतियोगीयों और अन्य जोखिमों से बफर करने के लिए और इस तरह विकास पथ पर सफलतापूर्वक चलने हेतु कंपनी ने अपने जोखिम कम करने की रणनीति के रूप में एक योजना बनाई, जिसे संक्षिप्त नाम से PSPD जाना जाता है. यह संगठन में सभी नेताओं को एक साथ synchrony में संगठनात्मक लक्ष्य की ओर काम कर सकने के लिए रास्ता बनाया. श्री नारायण मूर्ति के शब्दों में:
“विभिन्न इकाइयों व श्रोतों से एकत्र आंकड़ों के आधार , बिक्री के लिए एक अच्छा पूर्वानुमान प्रणाली ,लागत की predictability और उम्मीद के मुताबिक लाभ धारा (profit stream) को अच्छी तरह से सुनिश्चित करता है. कम्पनी के ऊर्जावान और प्रेरित बिक्रीकर्ताओं द्वारा अनुमानित बिक्री सुनिश्चित करना, उत्पादन कर्ताओं द्वारा यह सुनिश्चित करना है कि वे गुणवत्ता युक्त उत्पादों को समय से ग्राहकों को वितरित कर रहे हैं, और बिलिंग कर्ताओं द्वारा नियमित व समय से बिल जारी करना और ग्राहक द्वारा पैसे का भुगतान समय पर इकट्ठा करके कम्पनी ने अपने व्यवसाय में स्थिरता हासिल की है.
हर उद्यम को उच्च लाभप्रदता पर ध्यान केंद्रित करते हुए , अपने शेयरधारकों के लिए सबसे अच्छा रिटर्न सुनिश्चित करना चाहिए. वास्तव में कम्पनी की दीर्घकालीन सफलता मुनाफे को ऊपर उठाने हेतु एक सुनियोजित व सुनिश्चित मॉडल होने पर निर्भर करती है.इन्फोसिस ने इन नीतियों का नजदीक व सूक्ष्मता से अनुगमन किया है .
साथ ही साथ कम्पनी में एक अच्छा de-जोखिम दृष्टिकोण होना चाहिये जो कि कम्पनी व्यवसाय के हर आयाम के साथ जोखिमों को पहचानने, उनको मापने , और mitigates के उपायों में सक्षम हो. सनुकूल जोखिम की डिग्री (DAR) कम्पनी के जोखिम सीमा में समग्र उपाय से है. हर कम्पनी को अपने व्यवसाय में स्थिरता सुनिश्चित करने हेतु अपने DAR को नियमित मापने व अपने DAR में लगातार सुधार करना की आवश्यकता होती है.
इसी सोच को ध्यान में रख, कंपनी में जोखिम शमन समूह स्थापित किया गया था. पहली प्रतिबद्धता यह सुनिश्चित करने के लिए थी कि अब, इन्फोसिस एक संगठन के रूप में किसी भी एक ग्राहक, प्रौद्योगिकी, देश या क्षेत्र पर ज्यादा कभी निर्भर होगी. इस प्रति-जोखिम रणनीति की मदद से सालोंसाल कंपनी ने अपने राजस्व और मुनाफे में स्थिरता बनाये रखी.
वर्षों से इन्फोसिस ने बाजार की स्थितियों के बदलते परिदृश्य के मुताबिक अपनी लंबी अवधि की रणनीति को आगे ले जाने व उसका लाभ लेने में गतिशीलता दिखायी है. संगठन ने आवश्यकता के अनुरूप , स्वयं को लगातार ही पुनर्गठित किया है और अपने सेक्टोरिअल लक्ष्यों पर सम्बन्धित नेताओं के साथ बातचीत करते हुए प्रतिजनित रणनीति के लिये सूक्ष्म दृष्टिकोण अपनाया है,. “
रणनीति मात्र शैक्षणिक अभ्यास नहीं हैं, लेकिन उनका समरूप निष्पादन पर बराबर ध्यान रखना भी है. संगठन के संस्थागत प्रक्रियाओं के माध्यम से सामरिक अनिवार्यता के संरेखण का जमीनी स्तर योजना और प्रक्रियाओं से समुचित जुडाव व तालमेल पर बल दिया जाता है.
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